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तीन
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एक भिखारी पहुँचा एक महात्मा के पास और द्वार पर दस्तक दी...
CAMETIMAULI (आया आई,कौन हो?
क्या चाहते
हो?
भिरवारी हूँ महात्मन
भीरव,सुख की भीरवा खाली नजाने दो। मेरी झोली में अवश्य डाल दो, चाहे थोड़ा चाहे अधिक। निराशन करो।
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ठहर,ठहर,जरा ठहर-एक Januali/ बात सुना सामने जो नदी है, उसमें एक मच्छ रहताहै,तू उसके पास चलाजा, वह तुझे अवश्यसुख
देगा।
क्या कहा? मच्छ और सुरव देगा। क्यों मेरे से मजाक करते हो? क्यों मुझ गरीब की हंसी उड़ाते हो?
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इसमें हंसी की क्या बात है भाई, क्या तुम्हें इसमें कुछ
शंका है?
गुरु जी, मैं दर-दर की ठोकरें खाचुका, सबसे झोलीपसारपसार कर सुखकी भीख मांग चुका, पर कोईनदेसका सुख, जरा सा भी