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________________ बस इन वाक्यों का अर्थसमझ ले, समझ ही नहीं ले,परन्तु उन पर अटूट श्रद्वा कर, और इसके अनुसार लक्ष्य बनाकर चल देउसी राह पर जिस और ये संकेत कर रहे हैं, लेबन जायेगा तु भी भगवान। 5566 SIESTER 5ORDSSS.. ठीक है भगवन-अब में समझ गया। अब देर नहीं करूंगा। बस चलता हूँ। निग्रन्थ दीक्षाले, राग, द्वेष, मोहको दूरकरके आप जैसा ही बनकर रहूँगा |आजनहीं तो कल अवश्य ही बनूंगा आपजैसा ही। जा तेरा कल्याण हो। भगवन, आजम धन्य हो गया,मुझे प्रकाश मिल गया अगले दिन, सबने देखा, भक्तले रहा है मुनि दीक्षा... गुरु जी महाराज, मैं ) हाँ हाँ आपकी शरण में क्यों आगया हूँ, मुझे नहीं-मली दिगम्बर दीक्षा विचारी देदीजियेगाना तुमने। और भक्त बन गया दिगम्बर मुनि, सब अंतरंगत बहिरंग परिग्रह का त्याग कर दिया, लग गया तत्व मनन में, आत्म चिन्तन में काट डाला कर्मों को और एक दिन वही भक्त बन गया भगनान.....
SR No.033225
Book TitleGaye Ja Geet Apan Ke
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMoolchand Jain
PublisherAcharya Dharmshrut Granthmala
Publication Year
Total Pages34
LanguageHindi
ClassificationBook_Comics, Moral Stories, & Children Comics
File Size8 MB
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