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नाटक हो तो ऐसे
दूसरे दिन राजा की नाट्यशाला खचाखच भरी हुई थी.
वाह ! नाट्यशाला देखो .. सजावट कितनी सुन्दर.
अरे ! वह देखो, सिंहासन के पास बकरा ? पर वह क्यों बंधा है ?
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उपस्थित जनता बेसब्री से - प्रतिभा. कर रही थी.. तभी...
एक खूंखार शेर ने छलांग मारकर सभा मण्डप में प्रवेश किया.
परे ! ये डरपोक पेशाब ही कर बैठा ०) TEEY
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सिंह का विकराल रूप देखकर कुछ दर्शक तो भयभीत होकर भागने लगे. तभी...