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मुक्ति कामिम्स राजकुमार सिंह की भयानक गर्जना करने पर भी वहीं बैठा रहा प्रौर दहाड़ते सिंह को ललकारते हुए कहा कि--..
रे सिंहा तेरा कैसा पराक्रम? ते सामने बकरा खड़ा प्रौर गधे (की तरह ढे-ढेचूं कर रहा, धिक्कार) है तेरी मां के दूध को ..
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इतना सुनते ही सिंह की प्रारदे भयंकर क्रोध से लाल हो गयी, और अपमानित सिंह गरज उठा ---
(कमाल है, ब्रहमगुलाल बिल्कुल र ) अहिंसक है, 7 सा लग रहा है। किसी
(किसी को मार तो को सच्चाई पता न होती तो)
(सकता नहीं, फिर सिंह शायद किसी की हृदयगति कसा निश्चित रूप रक जाती..
से अनुत्तीर्ण
होगा परीक्षा
देखें अब क्या
करताहै.