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________________ एक ही जगहसे गंथ मंगावे / हमारे यहां धर्म, न्याय ज्योतिष, सिद्धांत, कथा,। पुराण षट्खण्डागम, धन, जयधवलके अतिरिक्त पवित्र काश्मीरीके शर, दशांग, धूप, अगरबत्ती, कांचकी व चांदीकी मालायें, सभी तरह के व्रतों के कपडे पर रंगीन मांडना, जनोई, जैन पंचरंगी झंडा, जर्मन सील्वर के पूजा सेट, चंदन, पूजा दब्बी, बिना चरबी के साबुन, नाहने का धोने का साबुन, स्टीकर फोटू, बम्बई (शोलापुर) इन्दौर, दिल्ली तीनों जैन परीक्षालयके पाठ्यक्रमकी गुप्तकें मंगवाकर हमारे लिए सेवाका अवसर दीजिये। ग्राहकोंको संतोषित करना हमारा लक्ष्य है। पर्वके अवसर पर आवश्यक्तानुसार उच्चकोटि के जैन ग्रन्थ रत्न पढके मनष्य जन्मसफल बनाईये। एक पत्र लिखकर सूचीपत्र मुफ्त मंगवाईये। शैलेश डाह्याभाई कापडिया दिगम्बर जैन पस्तकालय खप E-mailian was sein.com Jain Vijay Pr.......--, G AT. (0261) 2427621
SR No.032856
Book TitleJain 40 Vratha katha Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDipchand Varni
PublisherDigambar Jain Pustakalay
Publication Year2002
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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