________________ चमो] गोरा वादक पदमिणी पपई wwwaaman "आलिम बीबी पदमिणि किहां, तुम्ह इकले आये क्युं हहां / किहां लसकर किहां सह साथ, किणपरि बात हुई धरनाथ // B662 / 0670 / D 725 / 851 / पाठा-एकलो DB | किहां भड जोधा साथ / किस विधि...कहौ नाथ / / "खुदाई करू वडा हिंदुराण, लसकर मारि किया कचघाण / हम हइयाति खुदाई दई, मुसकल बहुत हमाकुं भई // ____B663 / 0671 | D726 / / 852 / पाठा०-खुदाय / / घमसाण DB | खुदानै छ / मुसकलि D, बोहोत DI बादल राधो निपट बडा सइंतान, हम पणि भूले बडा गुमानि / हमस्युं कूड किया परपंच, पदमिणि मिस मेल्या सहु संच / / B664 / 0 672 / D 727 / E853 / पाठा०-सैतान DE | बडै D, हम भूलाए करि तान E, कियो D, रूका दिखाया करि परपंच / / डोला महिथी कहरि गुमानि, दोई निकल्या सेर जुवान / बहुत लडाई हमस्युं किई, हमकुं पनह खुदाई दिई / / _B665 / 0673 / D 728 / 3854 / पाठा-महिथी DE, बडे असमान दोदो 0E, दोइ-दोइ D / हमसूं , असे , भई DB दई जीत पणांह खुदानै दई / हमकुं पदमिणि किया कछु टोण, नहि हम आगलि हींदू कोण / करो कूच नहु लावउ वार, अब हम सह होवइ असवार" // B666 / 0674 | D729 / / 855 / पाठा-पदमिन हम से कीन्हा हाणE। हींद हम आगे है कौन E / करहुE, लावो, लावहुप्राइस य कहि साह हुआ असवार / लसकरि कूच कियउ तिह थकी, अनुक्रमि पहुता दिली ढकी। रातें पहुत महल मझारि, लसकर सहू गया घरवारि / / B667 / 0675 | D730 / E856 / पाठा०-कियो , कियौ / धकी D | राति CD, पुहंता , पहुतो / बडे पयांण लांघी मही; अनुक्रमि आए दिल्ली वही। लसकर सबै विदा करि तार, रातें आए महल मझार / / / बीवी बहुत आइ बेगमा, “पदमिणिको दिखलावो हमा"। "पदमिणिका मुहु काला किया, हमकुं जीवु खुदाई दिया" // / 668 / 0676 / D 731 / E857 / पाठा०-हुं D, कुंE, दिखलावी DE | जी तब हमे खुदान दिया / "खिमा कीजइ, तुझ कुं पतिसाह, लागइ तुम्हकी हमां बलाइ” / "बेटा तुझ कुं बहुत गुमान, बातां मा तूं नही सुजान / / 669 / 677 / D732 / E858 / पाठा०-कीजें तुम्ह कुं , खमाखमा E / लागै तुमारी D, लगें तुम्हारी हमैं / एता कीजै नहि अभिमान / मिहरी कारण कलमथ हुआ, राणा राउण महु खय गया। काहे पूत कहीं कुं फिरउ, बइठा जउंखि दिली महि करउ // - 3670 / 0688 / D733 / / 859 / पाठा०-मिहरीकुं बहु D, किया E | राणा रावण बहु कुल गया , उस खातर रांमण सिर दिया। को E, फिरो , फिरौ DE | बयठा D, बैठा E, जौखि DE | इसके आगे B प्रतिमें: करि आरती उतारै लोण, पदमिनका है गया टोण / खैर करैगा आलमपनां, क्या है कमी इक पदमिन विना // 860 // दूहा-करि कागद वादल लिखी, हजरत रखहि पास / इक तेरे मुख मूंछ है, अई हींदू सावास / / E 861 / / आगे BODE प्रतियों में पातसाह दिली गया, बादल की सुणो बात / बादिल रिण सोध्यो तिहां, जब जइ हुवउ विख्यात // B671 / 0679 | D734 / E862 /