________________ 14 कवि हेमरतन छत जीवि दान दीयउ मुझ भणी, किसी कराँ हिव कीरति घणी"। "आलिम साहि गयउ एकल', गोरइ' बादिल जीत्य' किल६०१ // जयजयकार' हुउ जस लीध, करणी बादिल अधिकी कीध / ऊघडीया गढना बारणा, बिरद हूआ बादिलनइ घणा // 602 // राजा सॉम्ह' आविउँ रंगि, मिलिया बेही अंगोअंगि। महामहोछवि माहे ली", अरध देस' बादिल नइ दीउ // 603 // 'पदमिणि वली पयंपइ ऍम', "न करइ बादिल को तो जेम'१।। 'तई दीधउ मुझनइ अहिवात', 'सीतल कीधा तइँ मुझ गात' // 604 // 'धन्य! धन्य! तो माता सार', 'तुज्य तणउ जिणि झेलिउ भार। धन्य! धन्य! ते नारी सार, जेहनइ बादिल छ। भरतार" // 605 // मस्तकि तिलक करी' सुविसाल, वडावह' मोती भरि थाल / निज भाई करि थाप्य तेह, पहचाडि बादिल निज गेह // 606 // सुभा माहि चिहुं पाखती, देखण नारि मिली आखती। ठउडि-उउडि' मोती ऊछलई, सगा.सणीजा आवी मिलई // 607 // पाठा०-गए 8, सुणि 0D, भई दुनी सिर वात : / सोध्यौ , बादल भंड रिण सोझियौ , जय जय इयो (हुवी D), ऊवारी अखियात E / इससे आगे प्रतिमें :हसम खजांना लूटिया, ग्रही मुंक्यौ पतिसाह / बोल्यौ त्यु निरवाहियो, अइयौ भीछ दुबाह / / B 863 // // 601 // 1 जीवत / 2 दियो , दियौ / 3 किसुं.D। ४."गयो एकलो 0 (एकलौ D), बालम नीसरियौ एकलो / 5 गोरै / / 6 जीत B, जीतो , जीतौ DE | 7 किलो , किलो 1 DE | इसके आगे ABCD प्रतियों में:ऊघाड्यौ चित्रकोट गढ, साम्हा आया रांण / मिलिया वादल रतनसी, करै वखाण खुमाण // 864 // साम्है ले आया सकल, घुरिया जैत निसांण / वाधायौ गजमोतियां, गुणियण करै वखांण // 865 // . // 602 // 1 जइजइकार / / 2 हूवउ B, हूयो , हुवौ / / 3 ऊघाड्या B, ऊघाडा D / 4 हृव B, यो , हुवौ / 5 ने , नै D E में नहीं है। // 603 // 1 साझो , साम्ही D / 2 आयो BCDE | 3 माहै / / 4 लीयउ , लियो 0, लियो DEI ५राज / // 604 // १...पयंपै...D, पदमिणि नारि लियै वारणा / / २...करे तइं कियउ...(कीयो , करै...ते कियौ D), हरषित आंसू छुटै घणा E / ३...दीधो...D ते दीधी मुझिनै अहिवात DE | ४...कीधउ...B (कीयो , कीथो ते D), तूं माहरौ भव भव नौ भ्रात E / ॥६०५॥१धनि धनि तुझ माता जगि सार BODE | २...झाल्यउ...B (तणो झाल्यो 0), जिणि झाल्यो बादल भौ (नौ) भार DE 3 (धनि-धनि नारी अवतार BODE) 4 चेहनै D5 छै / // 606 // 1 कियउ B, कियो , कियौ DE | 2 वाधावई BC, वाधावै D, वाधाव्यौ / 3 बंधव BODA | 4 थाप्यो BC, थाप्यौ DE | 5 पुहचाव्यो B, पहुचाड्यो , पहुचाडौ D, पहुचावी 588 / B 676 / 0684 / D 739 / / / 868 / // 607 // 1 चउहुदई B0, चहुटा D / 2 मिलह / / 3 ठोडि-ठोडि C, ठाम-ठाम D / 4 उछलै DI ५मिलै DI प्रतिमें : मोती-हार सींघल-गै तणो / पीहर दीधो मुहगौ घणो। सो पदमणि वादल नै दियौ / माथै चाढी नै तिण लियौ // 869 // घोडा हाथी दे सिरपाय / खडग कटारा ढाल जडाव / घोडवहिल सुखपालां घणी / करे मुद्रडी जवहर तणी / / 870 / इण परि परिघल पहिरांमणी / कुंची अरधभंडारह तणी। सूपीनै पहुचवीया घरै / वाजिब धंमल मंगल बहु करै // 871 // चहुटा मांहिं गली-ए-गली / देखै नर-नारी बहु मिली। सुभट सहू आवीनै मिलै / करि जुहार मुंह आगलि पुलै // 872 //