________________ कवि हेमरतन त रतनसेन राजा अति भलउ', 'गढ ऊपरथी देखा किल'। जोवह बादिल गोय तणाँ, हाथ महाबल अरिगंजणां // 595 // पदमिणि ऊभी धई' आसीस, 'जी' बादिल कोडि' वरीस। धन्य! धन्य बलिहारी तूझ, 'तई मुझ राखिउ सगलुं गूझ // 596 // सुभट घणा छई ऊभा एह, ते सगला नीसत निसनेह / बादिल एक महाबल सही, सत्य थकी जो चूकई नही // 597 // साँमि-धरम' साचउससनेह, राखी बादिल रणवट रेह / ' गोर' रावत रणमहि रहिउँ, आलम-सॅन सहू लहु बहि // 598 // लूटी लीधुं लसकर सहू, के नाठ्या के मारया बहू। इणपरि अरियण सहु एकला', बहसि करे जीता बादिलइ // 599 // पातिसाह साही मुंकीउ', 'इक वलि मोटउ ए जस ली। साहि कहइ-"संभलि' बादिला, किया पवाडा त अति भला // 600 // // 595 // १...भलो ,...भली D, ऊभै रतनसेन राजान / / २...देखै किलो D, दीठो जुख महा असमान। 3 जोवै D, जोया E| A575 / B652 / 0660 / 715 / 844 / // 596 // १दै , दियै छ / 2 जीवउ B, जीवो , जीवौ DE | 3 घणा / / ४...राख्यो...B,...सगलो...०, तै मुझि राख्यौ सगलौ गूझ D / प्रतिमें द्वितीय अर्खाली नहीं है। // 597 // 1 छै / 2 थकउ B0, थकी D / 3 चकै D / प्रतिमें नहीं है। // 598 // 1-3 सामि-धरम साचव्यो सनेह Bo, साचव्यौ DE, सनेह BOD, सवेह / 4 खित्रवट BODAI 5 गोरो BODE | 6 मांहि BCD, भै / 7 रखा BOD, रह्यो , रह्यौ / / 8 सवे। ९लहि D, खग / 10 बह्या BD, बह्यो , वह्यौ / // 599 // १...लीधउ...B0, लीधौ D, लूंटाणौ लसकर जूजूयौ छ। २...नाठा...D, साकाबंधी भारथ हुयौ। 3 एकलै D / 4 बादिलै DE | // 600 // 1 मूंकीयउ B, मूंकीयो , मूकीयौ D, मुंकीयौ / / 2 एक वली मोटउ जस लीयउ B (मोटो ODI, लीयौ DE) / 3 कहैं DE | 5 सांभलि / / 6 ते DE | A581 / B 657 / 0665 / D 720 / E847 // कवित्त-चादिल तिहां ले बलिउ, राव अरि राव बत्तीसह / खडग काढि सनमूख, भिडिउ सुरतांण सरीसह // करि पारसी मुगल, तेण तहां कूट कमायउ / लंका मणि उद्धरिउ, तुरक अर तुरक सवायउ। हाइ-हाइ करतां ऊठिया, बादिल तहां सई मुह सरिउ / जब लगइ जूझदल बिहुं हुउ, तब लगि हयवर पाखरिउ / / 583 / / 659 / 0 667 / D 722 // पाठान्तरः-चल्यो BC, चलियो D, प्रगटि डोला रु वीसह BOD | बद्यउ B, वद्यो , बघौ , सुलतांण D / तेणि तण कूट उपायो B (कूडो पायो , पायौ D) / सुभट सेन (नि 0) ऊधरयउ B (ऊधरयो 0, ऊधरयौ D), 'तुरक बलि हिंदु सवायो (यौ 0) BOD | मार करता ऊठिया BOD, तिहां BCD, मुखि करयो BOD / लगै D, व्यहु Bo, हुवउ B, हुवो 0D, हैवर D, पाखरयउ B, पाखरयो , पाखरयौ DI E में नही है / इसके आगे B प्रतिमें 660 से 671 तक, 0 में 668 से 679 तक, D में 723 से 734 तक और में 849 से 865 क्षेपक हैंआलिम एक अनइ जु खवासि, दिन दुहु पहुता लसकर पासि / निमां सांम जब वेला थर्द, खबरि कराई लसकरि जई // B660 / 0668 / D723 / 048 // पाठ०-जो , अनै दुखबास D, आलम साथै एक खबासि / हुई है। करावै D / दिराई / / मुगल पठाण अनइ उमराउ, ततखिण आइ नम्या पतिसाहु / ऊभा खोजा खान तफीम, तसलीमें लागी तसलीम // B661 / 0669 / D 724 / / 850 / पाठ-मुंगल E, अनै DE, उमराव DE | आयि D, साहिपाद D, पतिसाहि / / तसलीमैं / /