________________ एवं (3) धार्मिक विचार या वचन, जैसे कि 'ज्ञान व क्रिया से मोक्ष होता है / ' यह विचार या वचन, एवं शुभ भावनाएँ, शुभ ध्यान इत्यादि शुभ मन-वचनयोग है / किन्तु सपाप या झूठ विचार या वचन को अशुभ मनोयोग या वचनयोग कहते है / उदाहरणार्थ 'मोक्ष के लिए क्रिया व्यर्थ है' - ऐसा विचार या वचन अशुभ मन-वचन योग है / ___एवं धार्मिक, आध्यात्मिक शारीरिक क्रिया यह शुभ काययोग है, व सांसारिक आरंभ-समारंभादि काय-क्रिया यह अशुभ काययोग है / ___ इन्द्रियाँ व गात्रों की प्रवृत्ति काययोग है, वे भी शुभ या अशुभ होते है / जैसे कि प्रभुमूर्ति दर्शन व गुरु दर्शन यह शुभ काययोग है, 18 पापस्थानक की प्रवृत्ति अशुभ योग है / देवदर्शन - पूजा - भक्ति महोत्सव एवं तीर्थयात्रा, सामायिक, पौषध, जीवदया आदि की प्रवृत्ति शुभ योग है / इनके विचारचिंतनादि शुभ मनोयोग है / हिंसादि 18 पाप स्थानक के विचारवाणी-वर्तनादि ये अशुभ योग है / सामान्य नियम ऐसा है कि अशुभ योग से अशुभ कर्मबन्ध होता है; किन्तु 'जं जं समयं जीवो आविसइ जेण जेण भावेण / सो तंमि तंमि समये, सुहाऽसुहं बंधए कम्मं / ' इस सूत्र के अनुसार शुभ-भाव में शुभ कर्मबन्ध, अशुभ भाव में