________________ नैश्चयिक सूक्ष्म अनंत अणुओं से निर्मित स्कन्ध को व्यवहारिक परमाणु कहते हैं / आधुनिक विज्ञान द्वारा सम्मत है कि अणु में भी विभाजन हो सकता है यह बात उपर्युक्त तथ्य को प्रमाणित करती है / अन्यथा वास्तविक अणु का अर्थ है नितान्त अंतिम माप; फिर उसके भाग नहीं हो सकते / अतः आज के अणु को व्यवहारिक अणु मानना चाहिए / इसके विश्लेषण से प्राप्त इलक्ट्रोन, न्युट्रोन आदि भी व्यवहारिक अणु हैं | यथार्थतः अणु चर्मचक्षुद्वारा अदृश्य ही होता है / अतः आज के अणु को स्कन्ध कहना उचित है / आठ वर्गणाएँ : व्यावहारिक अणु नहीं किन्तु अनंत परमाणुओं से निर्मित स्कन्ध ही जीव के उपयोग में आ सकते हैं / ऐसे स्कन्ध आठ प्रकार के हैं:- 1. औदारिक, 2. वैक्रिय, 3. आहारक 4. तैजस, 5. भाषा, 6. श्वासोच्छवास, 7. मानस, 8. कार्मण / __ इन स्कन्धों को वर्गणा कहते हैं / जैसे कि औदारिक वर्गणा, वैक्रिय वर्गणा...यावत् कार्मण वर्गणा तक / यद्यपि ये वर्गणाएँ उत्तरोत्तर अधिकाधिक अणुओं के प्रमाणवाली होती हैं, तथापि मशीन से दबाई गई रुई की गांठ के समान आकार (माप) में अधिक से अधिक सूक्ष्म होती है / उदाहरणतः औदारिक वर्गणा (स्कन्ध) की अपेक्षा वैक्रिय वर्गणा (स्कन्ध) सूक्ष्म होते हैं, वैक्रिय० की अपेक्षा आहारक० सूक्ष्म / इस प्रकार यावत् आठवी कार्मण वर्गणा (स्कन्ध)