________________ कर देता है / वह अहिंसा, संयम और तप का कठोर जीवन व्यतीत करने के लिए तत्पर रहता है / ___ गुरु भी उसकी श्रद्धा व वैराग्य की परीक्षा कर उसे दृढ व समर्पित देखकर अरिहंत परमात्मा की साक्षी में मुनि-दीक्षा देते हैं, जीवनभर के समस्त सावद्य व्यापार (पापप्रवृत्ति) का त्याग कराते हैं, इसके लिए यावज्जीव के सामायिक की प्रतिज्ञा कराते हैं / उसे पूर्व जीवन की किसी प्रकार की स्मृति न हो इस उद्देश से उसका नाम भी नया रखा जाता हैं / यह छोटी दीक्षा है सामायिक चारित्र इसके पश्चात् उसे साध्वाचार और पृथ्वीकायादि षट् जीव-निकाय की रक्षा की जानकारी व तालीम यानी शिक्षा दी जाती है, यह है 'आसेवन-शिक्षा' | एवं शास्त्रो का अध्ययन भी कराया जाता है, यह है 'ग्रहण-शिक्षा' / तदुपरान्त उसे तप के साथ सूत्र का योगोद्वहन कराया जाता है / बाद में योग्य समझकर उसे हिंसा, असत्य, चोरी, अब्रह्म, परिग्रह; ये पांच पाप सूक्ष्मरूप से भी 'मन-वचन-काया से करूं नहीं, करवाऊं नहीं, उनका अनुमोदन भी नही करूं' ऐसी त्रिविधत्रिविध से प्रतिज्ञा कराई जाती है / अहिंसादि महाव्रतो का यह उच्चारण (स्वीकार) 'बडी दिक्षा' है / यह 'छेदोपस्थापनीय चारित्र' है / इस में पूर्व-स्खलित चारित्र-पर्याय का छेद के साथ महाव्रतों में उपस्थापन आरोहण है / 2 2770