________________ का गोला (फक्त काष्ठ के कवच में से बाहर निकाली हुई बादामपिस्ता-अखरोट-नारयल उस दिन ही भक्ष्य हैं, दूसरे दिन अभक्ष्य है / ) संवान-धूप दिये बिना या पक्की चासनी किये बिना के आचार (अथाने) अभक्ष्य है / बर्फ, आईस्क्रीम, कुल्फी आदि भी अभक्ष्य है / अनंतकाय-जमीनकंदः- पालख की भाजी, रतालु, कच्ची इमली, कातरे, भीगे मूंग में से फूटे कोमल अंकुर, अमृतवेल, सुरण, गाजर, शक्कर कंद, लहसून, आलू, प्याज, हरी अद्रक, हरी हल्दी, हरा मोथ, मूली, भूमि फोडे बिल्ली का टोप आदि / कर्मादान 15 प्रकार के हैं धंधे नहीं करने चाहिए / इन में भारी कर्मबन्ध होता है; जैसे कि, 5 कर्म + 5 वाणिज्य + 5 सामान्य, ये 15 कर्मादान के व्यापार 5 कर्म :- (1) अंगार कर्म :- लोहा, सुनार; कुम्हार, वेल्डींग, बेकरी, भाडभुंजा, लोज, होटल, इंधन (पेट्रोल) आदि का धंधा / (2) वनकर्म :- वन कटवाने का धंधा, या बाग-बगीचा-सब्जी की वाडी. . . आदि के धंधे / (3) शकट कर्म:- बैलगाडी, छकडा गाडी, मोटर सायकल, स्कूटर आदि बनाने का रीपेअर करने का व्यापार | (4) आरककर्म :- बैलगाडी मोटर सायकल, बस आदि भाडे (किराये) पर देने का धंधा (5) स्फोटककर्मः- भूमि, खान आदि खुदवाने के 22 22280