________________ (6-10) उदुंबर, पंचक-बड़, पीपल, पारसपीपल, गुलर, प्लक्ष, कालुम्बर के फल (टेटे),-इन में बहुत कीडे होते हैं / (11-19) बर्फ, ओला (करा), अफीण आदि विष, सर्व मिट्टी... आदि अभक्ष्य बेंगन, खसखस, अंजीर आदि अंतर रहित बहुबीज होने से अभक्ष्य हैं / बेर, तुच्छफल-जामुन, गुन्दा, महुडा, कोमल सींग आदि तुच्छफल होने से तथा अनजाने फल अभक्ष्य है / चलित रस-जिसका रस, वर्ण, गंध, स्पर्श विकृत हुआ हो वे अभक्ष्य हैं; जैसे कि-बासी अन्न-रोटी-नरम पूडी, बासी मावा, दो रात्रि के बाद का दहीं-छाछ, अपक्व दहीं,-ये अभक्ष्य हैं / बिगडा हुआ मुरब्बा - आचार-मिठाई अभक्ष्य हैं / ऋतु मिठाई और आटे का काल सर्दी में 1 महिना गरमी में / 20 दिन चातुर्मास में / 15 दिन बाद में ये अभक्ष्य होते हैं / "द्विदल' यानी गर्म किये बिना कच्चा दूध-दही-छाछ के साथ संयुक्त द्विदल (कठोल), इस में संयोग होते ही असंख्य त्रस जीव उत्पन्न हो जाते हैं / फाल्गुन चौमासी के बाद भाजी, खजूर, खारेक, तिल, चातुर्मास में मेवा, सूका नारयल 22 2210