________________ चातुर्मास के नियमः चोमासे में (i) जीवोत्पत्ति अधिक होती है तथा (ii) विकार प्रबल हो जाते है, एवं (iii) व्यापार धंधे मंद होते है, तथा (iv) प्रायः गुरूमहाराज का संयोग रहता है, अतः धर्म कृत्यों का मौसम है / अतः इन दिनों विशेष नियम लिये जाते हैं / 18 देशों के राजा कुमारपाल चातुर्मास में प्रतिदिन एकासना, घी के अतिरिक्त पाँच विगइ का त्याग, हरे शाकफल का त्याग, चार महीने ब्रह्मचर्य, पाटण से बाहर न जाना... आदि नियम रखते थे / इस प्रकार यथासंभव नियम ले लेने चाहिये / जैसे कि, किसी की मृत्यु अथवा आकस्मिक घटना को छोड़कर नगर या गांव से बाहर नहीं जाना / शहरों में भी रात को घुमने के लिए नहीं जाना / इतने...दिनों में आयंबिल आदि, पौषध, प्रतिक्रमण, सामायिक करूंगा / पूर्णतः अथवा इतने दिनों के लिए हरीवनस्पति का त्याग, अहिंसादि अणुव्रत, इतनी विगइ का त्याग आदि / आजीवन नियम : कुछ नियम जीवनभर के लिये किये जाते हैं, जैसे कभी खेती नहीं करूंगा, बड़ी मशीनों के कारखाने का धंधा नहीं करूंगा, सात व्यसनों का त्याग करुंगा, मिथ्या देव-गुरु-धर्म को न मानूंगा, न पूजा करुंगा / परस्त्री गमन नहीं करूंगा | अमुक उम्र के बाद ब्रह्मचर्य 02 21968