________________ शाम के समय नियमों के विषय में इस प्रकार समेटना कि इतना प्रमाण नियत किया था, व इतने का उपयोग किया / अब रात्रि के लिए नियम धार लेना है / अन्य नियम भी किये जाए जैसेकि अल्प संयोग होने पर भी गुरुवंदन, व्याख्यान-श्रवण स्वाध्याय आदि न करूं तो अमुक त्याग करुंगा / बाहर में मर्यादा से अधिक क्रोध, अभिमान दिखाया जाए तो घी का त्याग अथवा पांच द्रव्य से अधिक उपयोग का त्याग / झूठ बोला जाए तो धर्म (शुभ) खाते में चवन्नी दूंगा / एक मास में इतने बेआसने, एकासने, आयंबिल, उपवास करुंगा / प्रतिदिन, अथवा तिथियों के दिन या घर में प्रासुक पानी ही पीऊंगा / वर्धमान आंबेल तप का पाया-ओली, 99 यात्रा, उपधान आदि न करूं तब तक कच्चे गुड़ अथवा अमुक पदार्थ का त्याग / __ जब तक दीक्षा न लूं तब तक अमुक वस्तु का त्याग एवं 'नमो चरित्तस्स' की एक माला फेरना / वर्ष में एक तीर्थयात्रा, धर्म खाते में - - - रु० का व्यय, इतनी सामायिक, इतनी मालायें, न हो तो - - दण्ड / पर्व-तिथियों में हरी वनस्पति, सचित्त, कूटने, दलने, वस्त्र धोने आदि का त्याग, तथा ब्रह्मचर्य / 21888