________________ तक आराधना करना / उत्तरोत्तर प्रतिमा के पालने के समय पूर्व की प्रतिमाओं का भी पालन करना होता है / कार्तिक शेठ ने 100 बार इनका पालन किया था / इसके अतिरिक्त 'धर्मबिन्दु' शास्त्र में कथित अनेक गुणों का पालन एवं श्री ‘पंचसूत्र' के दूसरे सूत्र में वर्णित आत्म परिणतियों व विधानों का भी पालन करना होता है / चारित्र के योग्य 16 गुण प्राप्त करने चाहिए / इससे साधुधर्म लेने की योग्यता आती (27) श्रावक के व्रत - नियम श्रावक की दिनचर्या में प्रातः पच्चक्खाण (नियम) करने का उल्लेख किया गया है / व्रत और नियम जीवन का अलंकार है / ये पाप और प्रमाद की वृत्ति पर अंकुश लगाकर जीवन को इस प्रकार सुशोभित करते हैं की पुण्य और सद्गति उसकी और आकृष्ट हो जाती हैं / व्रत-नियमों का यह प्रभाव होता हैं कि जब तक ये चालू रहते हैं तब तक पाप की अपेक्षा दूर रहने से पाप-कर्मो का बन्ध (बन्धन) रुक जाता है, पाप क्षय और पुण्य बन्ध चालू रहते हम पहले देख चुके हैं कि हम पाप नहीं आचरते है फिर भी 0 20888