________________ 'श्री महावीर स्वामी सर्वज्ञाय नमः' की 20 माला गिननी / पिछली रात्रि में वीर निर्वाण का देववन्दन कर 'श्री महावीर स्वामी पारंगताय नमः' की 20 मालाए गिननी / बाद में श्री गौतमस्वामीजी का देववंदन करके 'श्री गौतमस्वामी सर्वज्ञाय नमः' की 20 माला गिननी / महावीर स्वामी भगवान के पांच कल्याणक दिनः श्री महावीर स्वामी भगवान के पांच कल्याणकों के दिनों में विशेषतः वरघोडा, सामूहिक वीरगुणगान, पूजा, भावना और तप के साथ उस- उस कल्याणक की २०-२०मालाए गिननी / वर्ष में क्रमशः कार्तिक वदि 10 दीक्षा कल्याणक, 'श्री महावीरस्वामी नाथाय नमः' / चैत्र सुदी 13 जन्म कल्याणक 'श्री महावीर स्वामी अर्हते नमः' / वैशाख सुदि 10- केवलज्ञान कल्याणक 'श्री महावीरस्वामी सर्वज्ञाय नमः / अषाढ सुदि 6 च्यवनकल्याण, श्री महावीरस्वामी परमेष्ठिने नमः / ' अमावस को निर्वाण कल्याणक 'श्री महावीरस्वामी पारंगताय नमः' ये मालाएँ गिननी हैं / चोवीस तीर्थंकरो के पाँच कल्याणक के दिनो कि आराधना तप, जप, जिनभक्ति आदि करने से अद्भुत लाभ है / एक ही दिन में मात्र 1 कल्याणक या 2 कल्याणक, या तीन कल्याणक अथवा चार या पाँच कल्याणक आ सकते हैं / वहाँ तप में क्रमशः एकासन, नीवी, आयम्बिल, उपवास, व उपवास के साथ एकासन करना / प्रभु का चरित्र पढ़ना, अरिहंत पद कि आराधना 1 2000