________________ पूनम-अमावस्या; कल्याणक दिवस, कार्तिक-फाल्गुन-आषाढ़ की अठाइयाँ, चैत्र आश्विन की ओली, पर्युषण / इन दिनों में धर्म विशेषरूप से आराध्य है / (21) (27) नमस्कार (नवकार) मन्त्रः और पंच परमेष्ठी 'नमस्कार महामन्त्र' अथवा 'नवकार-मन्त्र' पंच परमेष्ठियों को नमस्कार करने का सूत्र है / यह सूत्र, और इसके द्वारा किए जानेवाले पंच नमस्कार, ये महामंगल स्वरूप है सकल विघ्नों को दूर करनेवाले है, और अचिन्त्य सिद्धियों के दाता है / इस से सद्गति तो मिलती ही है अपि तु नमस्कार करते समय परमेष्ठि के सुकृत्यों तथा गुणों के प्रति अहोभाव, अनुमोदना, एवं आकर्षण रहता है / यदि अहोभाव अनुमोदना उत्कृष्ट हो जाए तो 'करण-करावण अने अनुमोदन सरिखां फल निपजायो' इस उक्ति के अनुसार करनेकराने और अनुमोदन करने का फल समान उत्पन्न होता है / सुकृत तथा गुण की सिद्धि करने की दिशा में उसका आकर्षण यह प्रथम कदम का आरंभ है / किसी भी धर्म या गुण की सिद्धि के निमित्त पहली सीढ़ी यह है कि अपने दिल में उसके प्रति प्रशंसा-आकर्षण जाग्रत हो / 21710