________________ स्थूलभद्रादि महापुरुषों के आत्म पराक्रम याद करें एवं तीर्थो की मानसिक यात्रा करनी / _स्थूलभद्र, सुदर्शन शेठ, जम्बूकुमार, विजय शेठ, विजया शेठानी आदि के ब्रह्मचर्यादि पराक्रमों का स्मरण करके अनंत संसार में भटकानेवाली और कभी भी तृप्त न होनेवाली कामवासना की जुगुप्सा का चिन्तन करें / निंद आने पर नवकार मन्त्र का स्मरण करके सो जाना / सोते-सोते तीर्थो की यात्रा का विस्तार पूर्वक स्मरण करना / संवेग- वर्धक 10 चिन्तन : सोने के बाद बीच में निंद टूट जाये तो निम्नलिखित दस बातों पर चिंतन करके संवेग की वृद्धि करनी / 1. सूक्ष्म पदार्थ, 2. भवस्थिति, 3. अधिकरण-शमन, 4. आयुष्य-हानि, 5. अनुचित चेष्टा, 6. क्षण लाभ दीपना, 7. धर्म के गुण, 8. बाधक दोष विपक्ष, 9. धर्माचार्य, 10. उद्यत विहार / (संवेग यानी दानादि-क्षमादि धर्म का रंग, मोक्ष की उत्कट इच्छा, वैराग्य, देव-गुरु-संघ-शास्त्र-भक्ति / ) 1. सूक्ष्म पदार्थ :- कर्म, इन के कारण, कर्म के विपाक, आत्मा का शुद्ध और अशुद्ध स्वरूप, षड्द्रव्यादि सूक्ष्म पदार्थो की विचारणा | 2. भवस्थिति :- (i) संसार के स्वरूप पर विचार करना, 'राजा रंक होता है, रंक राजा होता है, माता या बहन पत्नी बन जाती है, पत्नी माता बनती है, पिता पुत्र हो जाता है-पुत्र पिता' इन बातों 0 1688