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________________ प्रथमः सर्गः अनुवाद:-वेगके उत्कर्षके अध्ययनके लिए आये हुए अणपरिमाणवाले लोगोंके मनोंके तुल्य, लगातार जमीनको विदारण करनेसे उत्पन्न धलियोंसे चरणोमें सेवित ( उस घोड़े के ऊपर राजाने आरोहण किया // 56 // टिप्पणी.. रयप्रकर्षाऽध्ययनार्थम् = रयस्य प्रकर्षः ष० त० "रंहस्तरसी तु रयः स्मयः जवः" इत्यमरः / रयप्रकर्षस्य अध्ययनम् (ष० त०) / रयप्र. कर्षाऽध्ययनाय इदं, "चतुर्थी तदर्थार्थबलिहितसुखरक्षितः" इस सूत्रसे "अर्थन नित्यसमासो विशेष्यलिङ्गता चेति वक्तव्यम्" इस वर्तिकके सहकारसे चतुर्थी तत्पुरुष, यह "आगतः" इसका क्रिया विशेषण है / आगतः = आङ+ गम् + क्तः + भिस्, अणिमाङ्कितः = अणोर्भावः अणिमा, "अणु" शब्दसे "पृथ्वादिभ्य इमनिज्वा" इस सूत्रसे इमनिच् / अणिम्ना अङ्कितानि, तैः / तृ० त० ) / जनस्य "जात्याख्यायामकस्मिन् बहवचनमन्यतरस्याम्" इस सूत्रसे जातिमें एकवचन / अजस्रभूमीतटकुट्टनोदगतः - भम्याः तटम् ( ष० त० ) / 'भूमि' शब्दसे 'कृदिकारादक्तिनः" इस गणसूत्रसे डीए / भूमीतटस्य कुट्टनम् (10 त० ) अजस्र ( यथा तथा ) / भूमितटकुट्टनम् ( सुप्सुपा० / / अजस्रभूमीतटकुट्टनेन उत्थिताः, तः (तृ० त०)। उपास्यमानम् = उपास्यत इति, उप+ आस + लट् कर्ममें) +यक् + शानच् + अम् / जैसे अध्ययनके लिए शिष्य गुरुचरणोंमें उपासना करते हैं वैसे ही अतिशय वेगके अध्ययन के लिए आये हुए अणुपरिमाण मनुष्यों के मनोंके समान धूलियोंसे चरणोंमें उपासना किये गये घोड़े पर राजा आरूढ हुए यह भाव है / नलका अश्व मनके समान वेगवाला है यह अर्थ व्यङ्गय होता है। इस पद्यमें चित्तोंमें शिष्यव्यवहारका समारोप होनेसे समासोक्ति अलङ्कार है, उसका लक्षण है __ "समासोक्तिः समयंत्र कार्यलिङ्गविशेषणः / व्यवहारसमारोपः प्रस्तुतेऽन्यस्य वस्तुनः / " सा० द. 10-74 / - "चेतोभिरिव" यहाँपर उत्प्रेक्षा है, इन दोनोंका एकाश्रयाऽनुप्रवेशरूप सकर अलङ्कार है। उसका लक्षण है "अङ्गाङ्गित्वेऽलङ्कृतीनां तद्वदेकाश्रयस्थितौ / चलाचलप्रोयतया महोभते स्ववेगवानिव, वक्तु-त्सुकम् / अलं गिरा, वेद किलाऽयमाशयं स्वय हयस्येति च मोनमास्थितम् // 60 // अन्वया - चलाचलप्रोथतया महीमते स्ववेगदान् वक्तुम् उम्सुकम् इव, अयं
SR No.032779
Book TitleNaishadhiya Charitam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSheshraj Sharma
PublisherChaukhambha Sanskrit Series Office
Publication Year
Total Pages1098
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size21 MB
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