________________ गणपाठः] हैमपञ्चपाठी. 1662 वेतनादेर्जीवति // 6 / 4 / 15 // वेतन / वाह / अर्धवाह / धनुस् / दण्ड। धनुर्दण्ड / जाल / वेश / उपवेश / प्रेषण / भृति / उपवेष / उपस्था / उपास्ति / उपस्थान / सुख / शय्या / सुखशय्या। शक्ति / उपनिषद् / उपरिजन / स्विज / स्फिग / बाल / पुतचाल / उपदेश। पाद / उपहस्त। इति वेतनादिः॥ 1667 निर्वृत्तेऽक्षतादेः // 6 / 4 / 20 // अक्षद्यूत / जङ्घाप्रहत / जङ्घाप्रहृत / जङ्घाप्रहार / पादस्वेद / पादस्वेदन / कण्टकमर्द / कण्टकमर्दन / शर्करामर्दन / गत / आगत / गतागत / यात / उपयात / यातोपयात / गतानुगत / अनुगत इत्यक्षद्यूतादिः // 1670 हरत्युत्सङ्गादेः // 6 // 4 // 23 // उत्सङ्ग / उत्रुप / उडुप / उत्पुत / उत्पुट / पिटक / पिटाक इत्युत्सङ्गादिः // 1671 भस्वादेरिकट // 64 // 24 // भस्त्रा। भरट / भरण / शीर्षभार / शीर्षेभार / अङ्गभार / अङ्गेभार / अंसभार / अंसेभार इति भस्वादिः // 1685 परदारादिभ्यो गच्छति // 6 // 38 // परदार / गुरुदार / गुरुतल्प / सभर्तृका। भ्रातृजाया। इत्यादयः परदारादयः प्रयोगगम्याः॥ 1689 सुस्नातादिभ्यः पृच्छति // 64 // 43 // सुस्नात / सुखरात्र / सुखशयन / सुखशय्या इत्यादयः प्रयोगगम्याः सुस्तातादयः॥ 1690 प्रभूतादिभ्यो ब्रुवति // 6 // 43 // प्रभूत / पर्याप्त / विपुल / विचित्र / निपुण / स्वर्गमन / स्वागत / स्वस्ति इत्यादयः प्रयोगगम्याः प्रभूतादयः // 1691 माशब्द इत्यादिभ्यः // 6444 // माशब्द / कार्यशब्द / नित्यशब्द इत्यादयः प्रयोगगम्याः माशब्दादयः॥ 1698 ऋन्नरादेरण् // 6451 // नर / महिषी / प्रजावती / प्रजापति / विलेपिका / प्रलेपिका। अनुलेपिका / वर्णक / पेषिका / वर्णकपेषिका / मणिपाली / पुरोहित / अनुचारक / अनुवाक / यजमान / होतृयजमान / इति नरादिः // 1702 किशरादेरिकट् // 6 // 55 // किशर / तगर / स्थगर / उशीर / हरिद्रा / हरिद्रु / हरिद्रुपी / गुग्गुलु / नलद इति किशरादिः // 1707 अस्थाच्छनादेरञ् // 64/60 // छत्र / चुरा / तपस् / कर्मन् / शिक्षा / चुक्षा / भिक्षा / भक्षा / तितिक्षा / बुभुक्षा / विश्वधा / उदस्थान / उपस्थान / पुरोडा / कृषि / मन्द्र / सत्य / अनृत / विशिख / विशिखा / प्ररोह इति छत्रादिः // 1612 वेष्ट्यादिभ्यः // 64 // 65 // इष्टि / ईषा / कम्पन / अम्भस् / दण्ड इत्यादयः प्रयोगगम्या इष्टयादयः / 1720 नवयज्ञादयोऽस्मिन् वर्तन्ते // 6 // 73 // नवयज्ञ / पाकयज्ञ इति नवयज्ञादयः प्रयोगगम्याः //