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________________ हैमपञ्चपाठी. [ हैमधारणि / रामणि / दालीपि / देवोति / देवमति / दैवयशि / प्राटाहति / प्रादाहति / चाफदृकि / आसुरि / पौष्करसादि / आनुराहति / आनुति / नैमिश्रि / नैमिश्लि / नैमिशि / आशि / बान्धकि / यासि / बाद्धकि / आसिनासि / आसिबद्धकि / चौकि / पौष्पि / आहिंसि / वैरकि / वैलकि / वैशीति / वैहति / वैकर्णि / वालि / कारेणुपालि / इति तौल्वल्यादिः / 1266 भिक्षादेः // 10 // भिक्षा / भिक्षशब्दीऽकारान्तोऽपीत्येके / गर्भिणी। युवति / क्षेत्र / करीष / अङ्गार। चर्मन् / वर्मन् / चर्मिन् / वर्मिन् / पद्धति / सहस्र / अथर्वन् / दक्षिणा / खण्डिक / युग / वरत्रा। युगवरत्रा / हल / बन्ध / हलबन्ध / औलुक्य / इति भिक्षादिः / 1284 पाशादिभ्यो ल्यः // 62 / 25 // पाश / तृण / खल / धूम / अङ्गार / पोटगल / पिटक / पिटाक / शकट / हल / नल / वन इति पाशादिः / 1285 श्वादिभ्योऽञ् // 6 // 2 // 26 // शुनां समूहः शौवम् / अह्नामाह्नम् / दण्डिनां दाण्डम् / चक्रिणां चाक्रम् / श्वादयः प्रयोगगम्याः / / 1286 खलादिभ्यो लिन् // 62 / 27 // खलानां समूहः खलिनी / ऊकानाम् ऊकिनी / कुटुम्बानां कुटुम्बिनी / खलादयः प्रयोगगम्याः / 1306 हेमादिभ्योऽञ् // 6 // 2 // 45 // हेमन् / रजत / उदुम्बर / नीवुदार / रोहितक। बिभीतक / कण्डकार / गवीधुका / पाटवी / श्यामाक। बार्हिण-इति हेमादयः / बहुवचनमाकृतिगणार्थम् / 1318 द्वारादेः // 46 // द्वार / स्वर / स्वर् / स्वस्ति / स्वादुमृद् / व्यल्कस / श्वस् / श्वन् / स्क्यकृत / स्व / स्वाध्याय / स्वग्राम / इति द्वारादिः। 1323 प्लक्षादेरण् // 62 / 59 // प्लक्ष। न्यग्रोध / अश्वत्थ / इगुदी। वेणु / वृहती / सगु / रु(स)कु कक्रतु इति प्लक्षादिः / 1330 राष्ट्रेऽनङ्गादिभ्यः // 6 // 2 // 65 // अङ्ग / वङ्ग / सुह्म / पुष्ट्र इति / अङ्गादयः प्रयोगम्याः। 1331 राजन्यादिभ्योऽकञ् // 2 // 66 // राजन्य / दैवयातव / देवयात आवृत / आव्रीतक / वात्रव / शालङ्कायन / बाभ्रव्य / जालन्धरायण / जानंधरायण / कौन्ताल / आत्मकामेय / अम्बरीपुत्र / आम्बरीपुत्र / अम्बरीषपुत्र / बैल्ववन / शैलूषज / उदुम्बर / औदुम्बर / तैतल / संप्रिय / दाक्षि / ऊर्णनाभ / ऊर्णनाभि / आर्जुनायन / विराट / मालव / त्रिगर्त / इति राजन्यादिः / बहुवचनमाकृतिगणार्थम् / 1333 भौरिक्यैषुकार्यादेर्विधभक्तम् // 62 / 68 // भौरिकि / भौलिकि / चौपयत / चौदयत / चैटयत / चैकयत / सैकयत / क्षतयत / काणेय / वालिकाय / वाणिजक इति भौरिक्यादिः /
SR No.032767
Book TitleHaimbruhatprakriya Mahavyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirijashankar Mayashankar Shastri
PublisherGirijashankar Mayashankar Shastri
Publication Year1931
Total Pages1254
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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