________________ 581 चुरादयः] सिद्धहैमबृहत्पक्रिया. स्तम्भो गर्वः / बलि भलिण आभण्डने // 239 // आभण्डनं निरूपणम् / दिविण् परिकूजने // 240 // देवयते गन्त्री / दृषिण शक्तिबन्धे // 241 / / आवर्षयते ग्रामः / शक्तिं बध्नातीत्यर्थः। शक्तिबन्धः एजनसामर्थ्यमित्यन्ये / कुत्सिण अवक्षेपे॥२४२॥ लक्षिण आलोचने // 243 // लक्षयते / हिष्कि किष्किण हिंसायाम् // 245 // निष्किण् परिमाणे // 246 // तर्जिण संतर्जने // 247 // कूटिण अप्रमादे // 248 // आपदान इत्यन्ये / त्रुटिण छेदने // 249 // त्रोटयते / डान्तोऽयमित्येके / शठिण् श्लाघायाम् // 250 // शाठयते / शटीति नन्दी। शलीति कौशिकः / कूणिण संकोचने // 251 // तूणिण पूरणे // 252 // तूलेति चन्द्रः / भूणिण आशंसायाम् // 253 / / आशंकायामित्येके / चितिण संवेदने // 254 // चेतयते / बस्ति गन्धिः अर्दने // 256 // डप डिपि डम्पिडिम्पि डम्भि डिम्भिण संघाते // 262 / / स्यमिण वितर्के // 263 // शमिण आलोचने // 164 // शामयते / कुस्मिण कुस्मयने // 26 // कुस्मयते / कुस्मयाञ्चक्रे / रिण उद्यमे // 266 // गूरयते / तन्त्रिण कुटुम्बधारणे // 267 / / तन्त्रयते / कुटुम्बेत्यपि धातुरिति चान्द्राः। कुटुम्बयते / मन्त्रिण गुप्तभाषणे // 568 // ललिण ईप्सायाम् // 269 / / लालयते / गलिण स्रावण इति केचित् / स्पशिण ग्रहण लेषणयोः // 269 // दंशिण् दशने // 270 // दशनं दंष्ट्राव्यापारः / दंशयते / दशिण दान इत्येके / दसिण् दर्शने च // 271 // चाद्दशने / भत्सिण् संत ने // 272! / यक्षिण पूजायाम् / / 273 // यक्षयते / अययक्षत / // इत्यात्मनेपदिनः // इतोऽदन्ताः / अत इत्यल्लुकः स्थानिवत्त्वाद् गुणद्धयोः समानलोपित्वाच सन्वद्भावदीर्थोपान्त्यहखानामभावः। अङ्कण् लक्षणे॥२७४॥ अङ्कयति। आश्चकत् / अस्यादन्तेषु पाठः पूर्वाचार्यानुरोधेन / णिजभावेऽनेकस्वरखाद्यनिवृत्त्यर्थः इत्येके। द्रमिलास्त्वेवंप्रकाराणामदन्तवसामर्थ्याल्लोपाभावं मन्यन्ते / तेन अङ्कापयति दुःखापयतीत्यादि / ते हि णिति वृद्धिं स्वरमात्रस्येच्छन्ति / अनदन्त एवायमि. त्येके / ब्लेष्कण दर्शने // 27 // सुख दुःखण् तत्क्रियायाम् // 277 // सुखयति / दुःखयति / अङ्गण पदलक्षणयोः // 278 // अघण पापकरणे // 279 // रचण प्रतियत्ने // 280 // अररचत् / सूचण् पैशुन्ये // 281 // सूचयति / अषोपदेशवात् पखाभावे असुसूचत् / भाजण पृथकर्मणि // 282 // सभाजण प्रीतिसेवनयोः // 283 // प्रीतिदर्शनयोरित्यन्ये / लज लजुण प्रकाशने // 28 // लजयति / लञ्ज