________________ 576 सिद्धहैमबृहत्पक्रिया. [आख्यातप्रकरणे पडण् इत्येके ! ईडण् स्तुतौ // 67 // ईडयति / चडुण् कोपे // 38 // जुड चूर्ण वर्णण प्रेरणे // 71 // प्रेरणं दलनम् / जोडयति / चूर्णयति / वर्णयति / चूण तूणण् संकोचने // 73 // श्रणण् दाने // 74 // श्राणयति / अशिश्रणत् / अशाणत् / पूणण संघाते / / 75 // पूणयति / चितुण स्मृत्याम् // 76 // चिन्तयति / अचिचिन्तत् / पुस्त बुस्तण // 78 // मुस्तण संघाते // 79 // कृतण संशब्दने / // 80 // ऋदुपदेशोऽचीकृतदित्यत्र ऋकारश्रवणार्थः / ___ 367 कृतः कीर्तिः // 4 / 4 / 123 // कृतण् इत्येतस्य कीत् इत्ययमादेशः स्यात् / कीर्तयति। कोर्तीति इकारान्तनिर्देशश्चतुर्थाध्यायसमाप्तौ मङ्गलार्थः। ___368 ऋदृवर्णस्य // 4 // 2 // 37 // धातोरुपान्त्यस्य स्वर्णस्य ङपरे णौ वा ऋकारः स्यात् / अचीकृतत् / अचिकीर्तत्। वचनसामर्थ्यादी .देशौ बाध्येते। स्वर्त पथुण गतौ // 82 // आद्यः कृच्छ्रजीवनेऽपीत्येके / स्वर्तयति / पन्थयति / अथण प्रतिहर्षे // 83 // प्रतियत्न इत्यन्ये / श्राथयति / अशिश्रथत् / श्रथण् बन्धने ' इति युजादौ पठिष्यमाणोप्यर्थभेदात् पुनरिह पाठः / पृथण प्रक्षेपणे / // 84 // पर्थयति / अपीपृथत् / अपपर्थत् / पर्थः इत्येके / पार्थण् इत्यन्ये / प्रथण् प्रख्याने // 8 // प्राथयति / - 369 स्मृदृत्वरप्रथम्रदस्तृस्पशेरः // 4 // 1 // 65 // एषां धातूनामसमानलोपे उपरे णौ द्वित्वे सति पूर्वस्य अकारोन्तादेशो वा स्यात् / सन्वद्भावापवादः / अपप्रथत् / छदण् संवरणे // 86 // छादयति / चुदण् संचोदने // 87 // चोदयति / मिदुण स्नेहने // 88 // मिन्दयति / नायमुदिदिति कौशिकः। मेदयति / गुर्दण् निकेतने // 89 // पूर्वनिकेतन इत्येके / भ्वादेरिति दीर्घ गर्दयति / छर्दण् वमने // 10 // छर्दयति / अचच्छर्दत् / इह गर्दण् शब्दे इत्येके पठन्ति / गर्दयति। बुधुण हिंसायाम् // 91 / / बुन्धयति / ठान्तोऽयमित्येके / वर्धण् छेदनपूरणयोः / // 92 // गधंण् अभिकांक्षायाम् // 93 // बन्ध बधण संयमने // 9 // बन्धयति / बाधयति / छपुण गतौ // 96 // क्षपुण. क्षान्तौ // 97 // ष्टूपण समुच्छाये // 98 // स्तूपयति / अषोपदेश इत्येके / उकारो इस्व इत्यन्ये / स्तोपयति / डिपण क्षेपे / // 99 // पण व्यक्तायां वाचि // 100 // हापयति / डपु डिपुण संघाते // 102 // अभिमर्दन इत्येके / डम्पयति / डिम्पयति / भान्तावेतावित्यन्ये / शूर्पण माने /