________________ ज्यादयः ] . सिद्धहैमबृहत्पक्रिया. 573 व्लींश् वरणे // 4 // गतावित्यत्ये / ब्लिनाति / अलैषीत् / प्लींश् गतौ // 5 // प्लिनाति / कृ मृ शृश हिंसायाम् // 8 // कृणाति / शृणाति / अशारीत् / ऋशूदृपः / शशरतुः / शश्रतुः / शरिता / शरीता / पृश् पालनपूरणयोः // 9 // पृणाति / पपार / पपतुः। पपरतुः / वृश् वरणे // 10 // भरणेऽपि / वृणाति / भृश् भर्जने च / चाद्भरणे // 11 // भृणाति / दृश् विदारणे॥ भय इत्यन्ये // 12 // दृणाति। ददार। दद्रतुः। ददरतुः। जृश वयोहानौ // 13 / / जृणाति / जजार / जजरतु। जरिता। जरीता। नग नये // 14 // गृश शब्दे // 18 // गृणाति / जगार / ऋश गतौ // 1 // ऋणाति / आरीत् / आरिष्टाम्। अराञ्चकार / ईर्यात् / अरिता / अरीता। वृत् ल्वादिःप्वादिश्च / ज्ञांश अवबोधने // 17 // जा ज्ञाजनोऽत्यादौ / जानाति / जानीतः। जानन्ति / अज्ञासीत् / जज्ञौ / ज्ञायात् / ज्ञेयात्। ज्ञाता। ज्ञास्यति। क्षिपश् हिंसायाम् // 18 // क्षिणाति / चिक्षाय / क्षेता / व्रीश् वरणे // 19 // वीणाति / विवाय / विवियतुः। भ्रींश् भरणे // 20 // भ्रीणाति / हेठश् भूतप्रादुर्भावे // 21 // भूतपादुर्भावोऽतिक्रान्तोत्पत्तिः / तवर्गस्येति नस्य णत्वे हेणाति / हेठान / जिहेठ / हेठिता / मृडश सुखने // 22 / / मृडणाति / ममर्ड / मर्डिता / श्रन्थश मोचनप्रतिहर्षणयोः // 23 // श्रथ्नाति / 362 वा श्रन्थग्रन्थो नलुक् च // 4 / 1 / 27 // अनयोः स्वरस्यावित्परोक्षासेट्थवोरेकारादेशो वा स्यात् तत्संनियोगे च नकारस्य लुक्न चैतौ द्विः। श्रेयतुः। शश्रन्थतुः। श्रेथिथ / शश्रन्थिथ / अविदित्येव / शश्रन्थ / श्रथ्यात् / मन्थश विलोडने // 24 // मथ्नाति / ममन्थ / मथ्यात् / ग्रन्थश् संदर्भे // 25 // ग्रथ्नाति / जग्रन्थ / ग्रेथतुः / जग्रन्थतुः। ग्रथ्यात् / कुन्थश् संक्लेशे // 26 / / कुथ्नाति / मृदश् क्षोदे // 27 // मृद्नाति / गुधश् रोषे // 28 // बन्धंश् बन्धने // 29 // बध्नाति / अभान्सीत् / बबन्ध / बबन्धिथ / बबन्ध / क्षुभश् संचलने // 30 // क्षुभ्नाति / क्षुभाण / णभ तुभश् हिंसायाम् // 32 // नभ्नाति / प्रणभ्नाति / तुभ्नाति / खवश् भूतप्रादुर्भावे // 33 // ' अनुनासिके च च्छः' शूट इति वकारस्योटि खौनाति / खौनीहि / अखावीत् / अखवीत् / चखाव / खविता। ऊटं नेच्छन्त्येके / खन्नाति / चान्तोऽयमित्यन्ये / खच्नाति / क्लिशौशु विबाधने // 34 // क्लिश्नाति / क्लिशान / चौदित्वादिड्वा / अक्लेशीत् / इडभावे सक् / अक्लिक्षत / क्लेशिता / क्लेष्टा / अशशु भोजने // 35 // अश्नाति / अशान / आशीत् / आश / अशिता / इषश आभीक्ष्ण्ये // 36 // इष्णाति / इयेष / ईषतुः। एपिता / विषशू विप्रयोगे // 37 //