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________________ दिवादयः ] सिद्धहैमबृहत्पक्रिया. 551 अविषत् / ‘हशिट' इति सकि अविक्षत / विवेष। विविषे / विष्यात् / विक्षीष्ट / वेष्टा / वेक्ष्यति / वेक्ष्यते / // इत्युभयपदिनः // // इत्यदादयः कितो धातवः // // अथ दिवादयः // दिवूच् क्रीडाजयेच्छापणियुतिस्तुतिगतिषु // 1 // 301 दिवादेः श्यः॥३।४।७२॥दिवादेर्गणात् कर्तृविहिते शिति श्यः प्रत्ययः स्यात् / शकारः शित्कार्यार्थः / श्यादयः शवोऽपवादाः। भ्वादेरिति दीर्घ दीव्यति / दीव्येत् / दीव्यतु / अदीव्यत् / अदेवीत् / दिदेव / दिदिवतुः। दीव्यात् / देविता / देविष्यति / अदेविष्यत् / जृष् झूषच जरसि // 3 // ऋतां विडतीर् / जीर्यति / 'ऋदिच्छि ' इत्यङि, ऋवर्णदृशोऽङीति गुणे अजरत् / पक्षे अजारीत् / जजार / ऋच्छृतोऽकीति, नृभ्रमेति वा एत्वे च जेरतुः। जजरतुः / जीर्यात् / जरिता। जरीता। जरिष्यति / जरीष्यति / शोंच तक्षणे // 4 // . 302 ओतःश्ये // 4 / 2 / 103 // धातोरोकारस्य श्ये परे लुक् स्यात् / श्यति। श्येत् / श्यतु / अश्यत्। अशात् / अशासीत् / शशौ। शायात् / शाता / शास्यति / अशास्यत् / दोच छाँच छेदने ॥६॥षांच अन्तकर्मणि ॥७॥द्यति / छयति / स्यति / ब्रीडच् लज्जायाम् / / 8 // ब्रीड्यति / नृतैच् नर्तने // 9 // नृत्यति / अनीत् / ननर्त / नृत्यात् / नतिता। 303 कृतचूतनृतदोसिचः सादेर्वा // 4 // 4 // 50 // एभ्यः परस्य सिज्वर्जितस्य सकारादेः स्ताद्यशितः प्रत्ययस्यादिरिड्वा स्यात् / प्राप्ते विभाषा। नतिष्यति। नय॑ति / अनतिष्यत्। अनय॑त् / कुथच् पूतीभावे // 10 // कुथ्यति / अकोथीत् / चुकोथ / कुथ्यात् / कोथिता। पुथच् हिंसायाम् // 11 // गुधच् परिवेष्टने // 12 // राधंच् वृद्धौ // 13 // राध्यति / वृद्धेरन्यत्र राध्नोति / व्यधंच् ताडने // 14 //
SR No.032767
Book TitleHaimbruhatprakriya Mahavyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirijashankar Mayashankar Shastri
PublisherGirijashankar Mayashankar Shastri
Publication Year1931
Total Pages1254
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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