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________________ अदादयः] सिद्ध हैमवृहत्मक्रिया. 543 .. 267 अस्तिब्रुवोभूवचाबशिति // 4 / 4 / 1 // अस्तिब्रुवोर्यथासंख्यं भू बच् इत्येतावादेशौ स्याताम् आशिति प्रत्यये विषयभूते / अभूत् / बभूव / भूयात् / भविता। भविष्यति / अभविष्यत् / अस्तीति निर्देशादस्यतेरसतेश्च न भवति / धात्वन्तरेणैव सिद्धेऽस्तिब्रुवोरशिति प्रयोगनिवृत्त्यर्थं वचनम् ब्रूगादेशस्य फलवत्यात्मनेपदार्थ च / षसक स्वप्ने // 45 // सस्ति / सस्तः। असासीत्। अससीत् / यङ्लुप् च // 46 // यङ्लुबन्ता अपि धातवोऽदादौ ज्ञेयाः। // इति परस्मैपदिनः // इंडक अध्ययने // 1 // नित्यमधिपूर्वोऽयं प्रयुज्यते / अधीते / अधीयाते / अधीयते / अधीयीत / अधीयीयाताम् / अधीताम् / अधीयाताम् / अध्ययै / अध्ययावहै / अध्यैत / अध्ययाताम् / अध्यैयि / 268 वाऽद्यतनी क्रियातिपत्त्योर्गीङ् // 4 / 4 / 28 // अद्यतनीक्रियातिपस्योः परत इडो गीडादेशो वा स्यात् / डकारो गुणनिषेधार्थः। अध्यगीष्ट / अध्यगीषाताम् / अध्यगीषत / अध्यैष्ट / अध्यैषाताम् / अध्यैषत / 269 गाः परोक्षायाम् // 4 / 4 / 26 // इङः परोक्षायां विषये गादेशः स्यात् / अधिजगे। अधिजगाते। अधिजगिरे। अधिजगिषे। विषयनिर्देशः किम् / आदेशे सति द्विवचनं यथा स्यात् / तेन प्राक्तु स्वरे स्वरविधेरिति नोपतिष्ठते / अध्येषीष्ट / अध्येता / अध्येष्यते / अध्यगीष्यत। अध्यैष्यत / शीक स्वप्ने // 2 // 270 शीङ ए: शिति // 4 / 3 / 104 // शीङः शिति परे एकारोऽन्तादेशः स्यात् / शेते / शयाते / डिनिर्देशाद् यङ्लुपि न / 271 शीडो रत् // 4 / 2 / 115 // शीङः परस्यात्मनेपदसंबन्धिनोऽन्तो रत् इत्ययमादेशः स्यात् / शेरते / शयीत / शेताम् / शयाताम् / शेरताम् / शेष्व / अशेत / अशयिष्ट / शिश्ये / शयिषीष्ट / शयिता / शयिष्यते / अशयिष्यत / हनुक अपनयने // 3 // नुते / अहोष्ट / होता / होष्यते / पूडौक पाणिगर्भविमोचने // 4 // सूते / सुवीत।
SR No.032767
Book TitleHaimbruhatprakriya Mahavyakaranam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGirijashankar Mayashankar Shastri
PublisherGirijashankar Mayashankar Shastri
Publication Year1931
Total Pages1254
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size33 MB
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