________________ -- 22] काव्यशिक्षा - रणम्- भूकम्पधूलिचलचारभटामरत्वं निश्वा(स्वा)नभेरिशरमण्डपकुम्भिमुक्ताः / सन्नाहरक्ततटिनीमधुपानभर्तृ नामग्रहाम्बरसुरागतयः समीके // 95 // दुतः- सर्वदेशसमाचारसर्वभाषाविचक्षणः / स्वामिभक्तश्च शूरः स्यात् परिचितोपलक्षणः // 96 // जलधिः-द्वीपादि-विष्णु-रत्नोर्मि-पोत-यादो-जगत्प्लवः / वार्टी चन्द्रागमः कुल्यासंग ऊर्वोदपूरणम् // 97 // वनम्- वने ऋतुद्रुमाः सिन्धु-पल्वल-जीव-पर्वताः / मयूर-पिक-चक्राङ्ग-चक्र-सारस-षट्पदाः // 98 // गिरयः- शृङ्ग-रोद(ध)-गुहा-रत्न-वन-जीवाध्युपत्ति(त्यु)का / शैल मेघोषधी-धातु-वंश-निर्झर-किन्नराः // 99 // रव्युदयः-तारेन्दुदीपकौषधिघूकतमश्चौरकुमुदकुलटार्त्तिः / चक्राब्जनेत्रदिनमणिपान्थोदयशोणता सूर्यात् // 10 // चन्द्रोदयः-जलधिजल नेत्र-कैरव-चकोर-चन्द्राश्म-दम्पतीप्रीतिः / चक्राब्ज-मान-कुलटा-विरहितमार्तिश्च विमलता चन्द्रात् // 101 // परिणयः-स्नानं मातृस्थितिश्वेतभूषामण्डलवर्तनम् / वेदी सङ्गीतता रक्षा वेदलाजा करग्रहे // 102 // वसन्तः-सुरभी दोला-कोकिल-मारुत-सूर्यगति-तरुदलोद्भेदाः / जातीतरपुष्पचयाम्रमञ्जरीभ्रमरझङ्काराः // 103 // ग्रीष्मः- ग्रीष्मे केसर-मल्ली-ताप-सरःशोष-बहलवात्याश्च / सक्तु प्रपा प्रपास्त्री मृगतृष्णाम्रादिफलपाकाः // 104 // वर्षा- वर्षासु घन-शिख-स्मय-हंसगमाः पङ्क-कन्दलोद्भेदाः / / जाती-कदम्ब केतक-झञ्झानिल-निम्नगा-प्रीतिः // 105 // शरद- शरदीन्दुरविपटुत्वं जलाच्छतागतिहंसवृषदर्पाः / सप्तच्छद-पद्म-सिताभ्रधाम-शिखिपक्षमदहान्यः // 106 // हेमन्तः- हेमन्ते दिनलघुता-शीत-बुभुक्षा-तैल-हिमपातः / शिशिरः-शिशिरे शिरीषदुर्दिनकुन्दामलकाद्यशिखिरतप्रीतिः // 107 //