________________ स्त्री शण 272 397 271 :: 284 द्वितीयं परिशिष्टम् / शब्दः लिङ्गम् अर्थः श्लोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः व्याघ्रतल पुं० एरण्ड 153 शङ्खपुष्पी स्त्री. शंखाहूली 254 व्याघ्रनखी स्त्री० बोरी शङ्खमालिनी स्त्री. शंखाहूली 254 व्याघ्रपात् पुं० कोक शङ्खयूथिका , जूही 238 पा० व्याघ्रपादोपकण्टक पुं० , 78 पा० शंखयूथिका २३९टी० व्याघ्रपुच्छ , एरण्ड 153 शखाह्वा शंखाहूली 254 व्याघ्री स्त्री० रीगणी 194 शखिनी जवासी 277 व्याडपत्रिका स्त्री० चीभडी शखिनी 325 व्याध पुं० कणयर शखिनीफल पुं० - सिरीसु 17 व्याधिनामक न. उपलोठ 230 शटी श्वेतकङ्गु 395 व्याधिहन् किरमालउ शढि 232 व्याप्य न० उपलोठ २३०टी० शठ पुं० धत्तरउ 252 व्याल चित्रक 248 शण व्यालदंष्ट्र गोखरु न० व्रण भीलामा 134 शणघण्टिका स्त्री० घूधरु व्रीहि व्रीहि धान्य 386 शणपुष्पी शण्डेरी थोहरी 50 पा. न० केसर 234 पा. शतपत्र श्वेतकमल 328 शकटाक्ष पुं०धव 92 पा. शतपदो ____ स्त्री. शतावरी 296 शकटाख्य 92 शतपर्वन् वांसु 165 शकम्भरास जहारि 367 शतपर्वा 359 शकल न. रोहीस 378 शकलिन् , 369 पा. शतपर्विका 311 शकुफला स्त्री० खेजडी 72 पा० शतपाकी चिणउठी 293 पा० शकुलाक्षक पुं० गडदूर्वा 380 शतपुष्प काकर हूले 383 शकुलादनी स्त्री. जलपिंपली 288 शतपुष्पा स्त्री० सोआ 336 कडू 299 शतपूर्वा कलंबी 359 पा० शक पुं० कुडउ 16 टी० शतप्रास पुं० श्वेतकणयर 29 शक्रतरु अर्जुन 103 शतमूला स्त्री० शतावरी 296 पा० शक्रपत्नी स्त्री० तुलछी 224 शतमूली " 296 शऋपुष्पिका राडागारी 317 पा० शतवीर्या नींब 137 श्वेतदूर्वा 380 शङ्कर खेजडी 72 ,, 380 पा० पंचमुखीरुद्राक्ष 142 शतवेधिन् पुं० अम्लवेतसविशेष 60 शङ्खद्रावक अम्लवेतसविशेष 59 शतावरी स्त्री० शतावरी 295 शङ्खधरा स्त्री० जलब्राह्मी 358 शताहा स्त्री. 336 शतपर्वा द्रो हात :: न. शकेष्ट :: : : सोआ