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________________ केसर वृद्धि 384 30 वृष वृषा वृष्य पुं० हैमनिघण्टुशेषान्तर्गतानां शब्दानामनुक्रमः / 283 शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः विहीरा ___स्त्री. सिवनी ९४पा० वृद्धदारुक पुं० वृद्धारा ३४४पा० वीर पुं. ऋषभु 173 वृद्धपादा स्त्री. जवासी २७७पा. ___ न० 234 ऋद्धि-वृद्धि 174 पुष्करमूल 366 वृन्ता रोहा 285 डाभ 371 वृश्चिकाला , मेषशृङ्गी १९१पा. वीरण वीरण वृश्चिकाली , मेषशृङ्गीप्रकार 191 वीरतर वृश्ची , साटहडा 207 वीरतरु भीलामा 134 वृश्चीर पुं० " २०७वा. वीरभद्र न० वीरण 384 वृश्चीव वीरमूल धमासउ 227 पुं०(स्त्री.) अरडूसा 159 वीरशाक वथुआ वृषभ पुं० पाषाणभेद 269 वीरा स्त्री० सिवनी वृषभनामक ऋषभु ९४टि. स्त्री० उदिरकनी 326 वीर्या स्त्री० महाबला 263 वृषायणी कमाइ 354 पा. वुक पुं० बू 289 उडद 389 वृकतिक्ता स्त्री० पाठ 294 वृष्यकन्दा मुसली 264 वृकदन्तिका 295 देवदाली 320 294 वांसु 165 वृक्का बकायणि 138 वेतस पुं० स्त्री० वेतस 129 वृक्ष वेतसाम्ल अम्लवेतस बकायणि १३८पा० वेत्रमूला जवासी 276 पा. वृक्षक वेधाग्य कचूर 255 वृक्षकन्दा स्त्री. मुसली २६४पा. वेल्लक विडंग १७२पा० वृक्षपर्णी , विदारि 196 न. मिरी 303 वृक्षभक्ष्या कामवृक्षा १५८पा० वेश्या हलद्र वृक्षा , बकायणि १३८पा. वेष्टक रस वृक्षादनी , कामवृक्षा 158 वैकुण्ठ आजऊ 222 विदारि 196 वैजयन्तिका स्त्री० अरणी वृक्षाम्ल पुं. तिन्तिडीक 57 जांबूविशेष 125 वृत्तकोश , देवदाली 320 वैदेही पीपली वृत्तकोशा स्त्री० ,, ३२०पा. वैश्रवणावास पुं० वडु वृत्तपुष्पक पुं० धूलीकयंब 13 व्यडम्बक एरंड 152 पा. वृत्ता स्त्री. रोहा २८५पा० व्यडम्बर 152 वृद्धकर्णिका , पाठ २९४पा० व्यण्डा स्त्री. कउंछि वृद्धदारक पुं० वृद्धारा व्यथा महामुण्डी वेणी वृकी वेणु वृक्ष कुडउ वेल्लज __स्त्री. 214 वैदेशी 41
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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