________________ 268 द्वितीयं परिशिष्टम् / बन्धन. बहुपुट तुलछी बहुला बर्बरी गूंदी 295 371 शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः बदरी स्त्री. बोरि वमनी 157 पुं० धमणउ १०६पा. बन्धुर ऋषभु 173 बन्धूकपुष्पक बीअउ बर्बरक बाबरउ चन्दन 24 पु. भाडगि 274 बर्बरका स्त्री. २७४पा. बर्बरोद्भव बाबरउ चन्दन 24 बी० हिंगुउत्री २६७टी. जहारि 367 बस्तगन्धा अजमोद 256 जहारि बस्तिका मूला 357 बहि पुं० न० डाभ। 'बहिंपुष्पा स्त्री. धाहुडी १५०पा० बर्हिपुष्पी 150 वालउ 231 बलदा श्री. मुसली 264 बलदेवा त्रायमाण 226 बलप्रद पुं० शाक 105 बलभद्रिका स्त्री. त्रायमाण 226 बलवत् 272 बलसार शाक १०५पा. बला .स्त्री० वला 260 बलाक पुं० 390 महाबला 261 बलिन् उडद 389 बलिन चित्रक 248 बलिसार शाक १०५पा० बलेसार 105 बल्वज उलप ३७३पा. बल्वजाः "बहु. उलप बहुक्षमा स्त्री. श्वेत शेफालिका 187 बहुगन्धा , आसगंधि 190 बहुत्वक पु. भूर्ज 118 EEEEEEEEEEEEEEEEEEEEExt : बहिष्ठ शब्दः लिङ्गम् अर्थः श्लोकः बहुपट पुं० भूर्ज ११७पा. बहुपत्र भीलामा 135 बहुपत्री स्त्री. भुइंआमली 212 बहुपाद पुं० वडु , भुर्ज 117. बहुपुत्रिका स्त्री० कालिंगी बहुपुत्री भुइंआमली २१२पा. बहुफेना , साथरी बहुमजरी , 223 एलची बहुवल्क चारु बहुवार 119 बहुशल्य खदिर ६४पा० बहुसुता स्त्री० शतावरी बहुसेन पुं० अगथियठ 28 बहेटक , बहेडा 81 बाकुची श्री. बाबची 217 बाण पुं० न० नोलसेहरीओ 247 बाणाख्य शरकड बालकेशी स्त्री. उलप ३७३पा. बालतृण बालतृण बालद्रावक पुं० अम्लवेतसविशेष' 59 बालपत्र खदिर ६४पा. धमासउ बालपुष्पा स्त्री० जूही २३८पा० बाह्यपुष्पिका , बला २६२पा. बालपुष्पी . , जूही 238 बालभीरुक पुं० वेतसविशेष 130 बाष्प न० उपलोठ २३०पा० बाष्पिका स्त्री० हिंगुउत्री 267 बिन्दुक पुं. हिंगोटु 74 बिन्दुकिनी स्त्री० भाडंगी 276 बिन्दुला साथरि ३४०पा० विभीतक बहेडा . 81 विभीषण अंबाडओ 47 शण 227 मुंग बालका