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________________ .. " 225 प्राणक : : प्रियक हैमनिघण्टुशेषान्तर्गतीनों शब्दानामनुक्रमः / 269 शब्दः लिङ्गम् अर्थः प्रलोकः शब्दः लिङ्गम् अर्थः श्लोक प्रवजिता स्त्री० मोड2री 216 प्लीहहन् पु० रोहडेउ १४७टा। प्रसर न० एलीयउ 233 प्रसादक पुं० वथुओं 348 फणिज्जक पुं० मरुअउ 224 प्रसाधनी महाबला 263 फणिन् प्रसारणी प्रसारणी 341 पनस वडहर 12 प्रस्थपुष्प मरुअउ २२४पा. फरण इंगली 34. पो. प्रहसन्ती वासन्ती 249 फल धमण 106 प्राचीना पाठ . 294 , 106 पी० पुं० जीवक मयणहल 129 प्रावृषायणी साटहडा 207 फलकिन् चन्दन कउंछि फलपूरक बीजउरउ 53 प्रावृषेण्य क्यंब 12 फलभारी स्त्री० कालुंबरी 44 प्रिय करणा फलयू , ४४पा० 289 फलस्नेह पुं. अखोड 140 कदम्ब विशेष 15 फलषाडव दांडिमसार १४९पो बीउ फलषोण्डव ,, . . प्रियंगु 187 पला प्रियंगु १८८पा. प्रियंगु स्त्री फलितच्छदा बोरि कांग 394 फलिनी प्रियङ्गु 188 प्रियजीवक पुं० अरलू-दीर 86 फलेरुहा पाटलाविशेष 20 जोवक 365 प्रियदर्शन रायणी फटेलु गून्दी 19 44 प्रियवल्ली कालुंबरी फल्गु स्त्री० स्त्री. .44 फल्गुवाटिका , प्रिंयशालक पुं बीअउ १००पा. फाल्गुनी 100 128 प्रियंवदा स्त्री० जाई 236 १२८पा. प्रिया प्रियंगु फेनक्षीरा क्षिरिणी 324 मल्लिकाविशेष 343 साथरि प्रेतराक्षसी तुलछी २२३पा० फेनिल अरीठा फेनिलच्छदा स्त्री० बोरि पिष्पलवृक्ष प्लव , पीपरी बंकुल काकरहूले बंङ्ग सेन अगंथियउ २८पा. प्लवक पुं० पौंपरी बदरा स्त्री० त्रायमाण 226 प्लीहरक्तहन् रोहीडउ 147 सुबलि 345 स्त्री० फली प्रियङगु 18 प्रियसालक , कुबउ फुल्ल फुल्ली स्त्री . 187 फेना पौंपरी ७०पा 0 0 0 : : 0 0
SR No.032753
Book TitleNighantu Shesh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPunyavijay
PublisherL D Indology Ahmedabad
Publication Year1968
Total Pages414
LanguageHindi, Sanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size26 MB
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