________________ 232 प्रथमं परिशिष्टम् / च नि० // 343 (पू०) ब्राहम्यां स्थाने ब्राह्मी नि० // 344 (उ०) वृद्धदारके स्थाने वृद्धदारुके पु० नि० ।-बालक-स्थाने-वालुक- नि०॥ 345 (पू०) अजाण्डी च ऋक्षगन्धा स्यादन्तःकोटपुष्यपि स्थाने अजाण्डी ऋक्षगन्धा स्यादन्तःकोटरपुष्प्यपि पु० अजाण्डी ऋक्षगन्धा स्यादन्तःकोटकपुष्प्यपि नि० / (उ०) बदरा स्थाने वरदा पु० // 34 6 (पू०) सुखोद्भवा स्थाने सुखोद्भिदा नि० // 347 (पू०) अङ्गारको स्थाने अङ्गारुको पु० अमारको नि० / (30) कासमर्दै स्थाने काशमर्दै पु० / कनक-कर्कशौ स्थाने कतक-कर्कशौ पु. कतककर्कशः नि० // 348 (पू०) शाकज्येष्ठः स्थाने शाकश्रेष्ठः नि०॥ 349 (पू०) क्षुरिका स्थाने छुरिका नि० / (उ०)-नीया जीवनी जीववर्धनी स्थाने--नीयजीवनी जीववर्धिनी नि० / / 350 (पू०) मङ्गल्य- स्थाने माङ्गल्य-नि० / (उ०) चुक्रिका स्थाने चुक्रिया पु० // 351 (पू.)--ऽम्बोटिका स्थाने-ऽम्लोटिका पु० -डालोलिका नि० / लोलाऽम्ललोलिका स्थाने टोलाऽम्लटोलकः पु० नि० / (उ०) नरेन्द्रमाला स्थाने नरेन्द्रमाता पु० नि० / 352 (पू.) तण्डुलीये मेघनादस्तण्डुली तण्डुलेरकः स्थाने तन्दुलीये मेघनादस्तन्दुली तन्दुलेरकः पु० नि० / (उ०) विषहार्य स्थाने विषहर्य-पु० // 353 (पू०) शमठे तु स्थाने समं तु पु० समण्ठो तु नि०। (उ०) समष्ठिला स्थाने समष्ठोला नि० / -मार्ग ओलकः स्थाने -मार्गतुल्यकः नि० / / 354 (पू०) कर्बुर-स्थाने कर्बर-नि० / (उ०) तु कामाची स्थाने काकमाची नि० / च वायसी स्थाने वृषायणी पु० नि० // 355 (पू.) भूरण्डी कुरण्डी स्थाने भूरुण्डी कुरुण्डी नि० / कुरण्डी कास्मरी स्थाने कुरण्डिकाऽश्मरी-पु. / (उ०) शितिवारकः स्थाने शिरिवारकः नि० // 356 (पू.) शितिः स्थाने शिखिः पु०॥ 357 (पू.) बस्तिका स्थाने बुस्तिका पु० नि० / सेकिमो स्थाने सेकिम टि० // (उ०) शालामर्कटो स्थाने शालमर्कटो पु० नि० // 358 (पू०) मिश्रो वालेयो स्थाने मिश्रः स्थालेयो पु० नि० / (उ०) हिलमोच्यां स्थाने हलिमोच्यां पु० // 359 (पू०) शतपर्वा स्थाने शतपूर्वा पु० / कडम्बी वायसी स्थाने कलम्मूर्वायसी पु. केलम्बूर्वायसी नि० / (उ०) कारवेल्ले स्थाने कारवेल्ल्यां नि० / / 360 (उ०) राजमान्योऽमृ-स्थाने राजिमानमृ-पु. नि. // 361 (पू०) कर्कोटे स्थाने कङ्कोटे नि० / किलास-स्थाने विलासपु० ।-स्तिक्तपत्रः स्थाने -स्तिक्तपर्वः नि० / सुगन्धकः स्थाने सुगन्धिकः पु० / (उ०) कालिङ्गयां स्थाने कलिङ्गयां पु० नि० // 362 (पू.)-स्तिक्तबीजा स्थाने -स्तिक्तबीजो पु० / (उ०) अलाबूः स्थाने अलाम्बूः पु० / -लाबुनो स्थाने-लाम्बुनी पु० // 363 (उ०) ऊर्वारुः स्थाने ऊर्वारु पु० // 365 (पू.) स्फुटी स्थाने स्फटी पु० // 365 (पू.) -धेये च जी-स्थाने -धेये प्रजी-नि० // 366 (पू.) वीरं स्थाने चीरं पु० / (उ.) पद्मवर्णकम् स्थाने पद्मकर्णकम् पु० / / 367 (पू०) बस्तगन्धायां स्थाने मस्तुगन्धायां नि० / सुगन्धा खरपुष्पी स्थाने तु गन्धा खरपुष्पा पु० नि० / (उ०) कबरी बर्बरी तुङ्गी स्थाने कर्बरी बर्बरी चुङ्गो नि० // 369 श्लोकः रौहिषे श्यामकं पोरं पूतीकं भूरि कत्तणम् / सौगन्धिक देवजग्धं शकलं ध्याम-पुद्गले // स्थाने रौहिषे ध्यामकं पौरभूतीकं भूतिक तृणम् / सौगन्धिकं देवजग्धं शाकलि ध्याम-पुद्गले // पु० रौहिषं कामकं