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[ ७१ ] अध्याय प्रधान विषय
पृष्ठाङ्क २ दिग्भेदज्ञानवर्णनम्
३०८७ पूर्व,पश्चिम, उत्तर एवं दक्षिण दिशाओं के ज्ञान की सरलविधि (१-४)। अन्य दिशाओं का परिज्ञान प्रकार (५-७७)। ३ विष्मत्रोत्सर्जनविधिवर्णनम्
३०६४ मलमूत्र विसर्जन की विधि (१-८)। ४ आचमनविधिवर्णनम्
आचमन के पूर्व जवा से जानु तक या दोनों चरणों को और हाथों को अच्छी प्रकार धोकर आचमन का विधान (१-५)। जल में खड़ा हुआ जल में ही आचमन करे, जल के बाहर हो तो बाहर (६-७)। अंग-न्यास, देवताओं का स्मरण, आचमन कितना लेना चाहिये, बिना आचमन के कोई कर्म फल नहीं देता अतः इसका
बराबर ध्यान रक्खा जाय ( ८-४१ )। ५-दन्तधावनविधिवर्णनम्
४००१ मुख शुद्धि के लिये दन्तधावन का विस्तार से निरूपण, दन्तधावन के लिये वर्ण्य तिथियां एवं समय तथा कौनकौन काष्ठ ग्राह्य है तथा कौन-२ अग्राह्य हैं इसका निरूपण, मौन होकर दन्तधावन करे ( १-२५ )। स्नान विधि