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अध्याय
पृष्ठांक
( ३१ ) प्रधान विषय
काश्यपस्मृतिः १ प्रायश्चित्तवर्णनम्
२४८५ आहिताग्नि के लक्षण, गाय, बैल, मृग, महिषी, कौआ, हंस, सारस, बिल्ली, गीदड़, सांप और नेवला की हिंसा करने का प्रायश्चित्त, पांच प्रकार के महापातक बतलाये गये हैं, अकाल में भूमिकम्प का, घर में उल्लू बोलने का प्रायश्चित्त बताया गया है। मथनी और हल टूटने का प्रायश्चित्त बर्तनों के साफ करने का विधान, पहले जिन्होंने पाप किया हो उनके चिन्हों का वर्णन तथा पापों से नरक गति का वर्णन (१-१६)।
व्याघ्रपादस्मृतिः १ स्मृतिमहत्त्ववर्णनम्
२४६१ ऋषियों ने व्याघ्रपाद से युगधर्म और वर्णधर्म का प्रश्न किया-युगधर्म का वर्णन और द्विजातियों को वेदाध्ययन का उपदेश (१-१५) पिण्ड दान और पितृतर्पण का महत्व (१६-१८) तीर्थ और गया श्राद्ध का वर्णन (१६)। श्राद्ध काल और विधि (२०-४६)। श्राद्ध करने व पूजा