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( ३० ) अध्याय के प्रधान विषय
पृष्ठांक ११ दानविधिवर्णनम्
२४६७ दान का महत्व और गोदान की विधि (१-२१) गोदान का महत्त्व (२२-२६)। महिषी के दान का महत्त्व (१७-३१)। वृषभ के दान का महत्व (३२-३६)। भूमिदान (३७-३८)। तिल दान (३६-४०)। अन्न दान (४१-४३)। सोने का दान (४४) । चान्दी के दान का महत्त्व
.(४५-६६)। १२ प्रायश्चित्तवर्णनम्
२४७४ __ दी हुई चीज को वापस लेने में न्याय (१–४)
अदेय वस्तुओं का वर्णन (५-६)। विवाद न होनेवाली वस्तुओं का वर्णन (७-१६)। इष्ट कर्मों का वर्णन (२०-३४)। विकर्मों का वर्णन
(३५) प्रायश्चित्त और शुद्धि का वर्णन (३६-६३)। १३ आशौचवर्णनम्
२४८१ सूतक पातक का वर्णन (१–१३)। जिन पर सूतक पातक नहीं लगता उनका वर्णन (१४-१६)। कितने दिन किसका सूतक लगता है उसका वर्णन (२०-३२)।