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( २६ ) अध्याय प्रधान विषय
। पृष्ठाक द्रव्यों से जो श्राद्ध किये जाते हैं उनका विधान
(१-२६)। ६ श्राद्धवर्णनम्
.. २४०२ नान्दीमुख श्राद्ध जो विवाहादि शुभकर्मों पर किया
जाता है उसका विधान और वर्णन (१-१२५ )। ७ श्राद्धवर्णनम् ।
.. २४०५ प्रेतश्राद्ध और सपिण्डीकरण की विधि (१-६०)। ८ ब्रह्मचारिधर्मवर्णनम्
२४११ ब्रह्मचारी के धर्म का वर्णन (१-१४४) स्नातक होने पर विवाह का वर्णन ( १४५–२६६)। नव
संस्कारों का वर्णन (३००-३६१)। तिथिनिर्णयवर्णन
२४४० प्रतिपदा से पूर्णिमा तक तिथियों पर विचार, तथा कौन तिथि उदयव्यापिनो और कौन तिथि काल-व्यापिनी ली जाती है तथा किस तिथि में किस देवता का पूजन किया जाता है उसका
वर्णन । (१-५५) १० विनायकादिशान्तिवर्णनम् ।
२४५२ दुष्ट रून के होनेपर विनायक की शान्ति तथा ग्रहशान्ति का विधान बताया गया है (१-१६०)।