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________________ अध्याय पृष्ठांक ( २३ ) प्रधान विषय लाने एवं अन्नप्राशन, चूड़ाक' उपनयनादि संस्कारों का वर्णन (१-१६६)। ४ गृहस्थधर्मवर्णनम् २१६५ विद्याध्ययन से स्नातक होकर वैष्णवधर्म के अनुसार नैष्ठिक ब्रह्मचारी का वर्णन और आठ प्रकार के विवाहों का व विधि का वर्णन तथा गर्भाधान, सीमन्तोन्नयन एवं पुंसक्न आदि का कथन (१-१३१) ५ स्त्रीधर्मवर्णनम् २१७८ पतिव्रता स्त्री का आचरण व दिनचर्या तथा पातिव्रत का माहात्म्य, यथाशीलभेव तु नारीणां प्रधानं धर्म उच्यते । शोलभंगेन नारीणां यमलोकं सुदारुणम् । (२) नास्ति स्त्रीणां पृथग्ज्ञानं न व्रतं नापि पोषणम्। पतिशुश्रूषणे तासां स्वर्गमेवाभिधीयते ॥ (३) . (१-८३) ६ नित्यनैमित्तिकविधिवर्णनम् २१८६ वैष्णव धर्म के अनुसार नित्यनैमित्तिकविधि का वर्णन और भगवान की पूजन का विधान, साथ ही उत्सव मनाने का माहात्म्य और उत्सवों
SR No.032670
Book TitleSmruti Sandarbh Part 04
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages720
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size35 MB
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