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अध्याय
पृष्ठांक
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प्रधान विषय मुझे जिज्ञासा हुई है कि आप और-और धर्मों को भी बतलाइये (१-४)।
. दश गौ के दान के समान एक बैल का दान पुष्ट बैल का दान हजार गोदान के समान कहा गया है। दशधेनु समोऽनड्वानेकोऽपि कुरुपुंगव । मेदोमांस विपुष्टांगो नीरोगः पापवर्जितः ॥६॥
इसके दान करने से ब्राह्मण खेत को जोत सकते हैं और ज्ञानपूर्वक अन्नोत्पादन कर सुन्दर स्वस्थ दीर्घजीवी सन्तान उत्पन्न कर सृष्टि की उत्तरोत्तर उन्नति करते हैं।
अनेक प्रकार के दान जैसे मन्दिरों में भजन कीर्तन, प्याऊ लगाना, वृक्षारोपणवर्णन (५-१३३) ८ पञ्चमहायज्ञवर्णनम्
१६८७ युधिष्ठिर के प्रश्न पञ्चयज्ञ विधान पर (१-७) पञ्चमहायज्ञ करने की आवश्यकता (८-१८)। युधिष्ठिर का स्नानविधि पर प्रश्न (१६)। स्नान करने की विधि और स्नान के साथ क्या-क्या करना चाहिये। सन्ध्या देवर्षि पितृतर्पण करके