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________________ [ २ ] प्रधानविषय अध्याय १०प्र० ३ याप्यकर्मणापेतस्थनिष्क्रयार्थ जपादिनिरूपणम | २५०४ प्रायश्चित्तविधिवर्णनम् । अयाज्य याजन जिसका दान नहीं लेना उसका दान लेना इत्यादि कर्मों का प्रायश्चित, जप आदि का निरूपण ( १-१८ ) i १५०४ चक्षुः श्रोत्रत्वग्घ्राणमनोन्यतिक्रमादिषुप्रायश्चित्तम् । १८६३ विवाहात्प्राक्कन्यायारजोदर्शने दोषनिरूपणम् १८६५ प्रकीर्ण प्रायश्चितों का वर्णन है, यथा जिस अंग से जो पाप किया गया उनका पृथक् पृथक् प्रायश्चित्त तथा संकीर्ण पापों का प्रायश्चित्त (१-३२ ) । प्रायश्चित्त की विधि बताई है ( १ -२० ) । ३५०४ प्रायश्चिचविधिवर्णनम् । पृष्ठाडू १८६१ १८६७ १८६६ छोटे छोटे पापों का प्रायश्चित्त एवं विधि । अघमर्षण सूत तथा कूष्माण्डी मन्त्रों से प्रायश्चित्त ( १-१६ ) ।
SR No.032669
Book TitleSmruti Sandarbh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages744
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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