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________________ [ a ] अध्याय प्रधानविषय ५ होती है। इसे के काटने पर प्राणायामादि से शुद्धि एवं अभक्ष्य का वर्णन । गाय का दूध गाय के सूतने पर दस दिन के अनन्तर शुद्ध होता है । इस प्रकार सब बातों की शुद्धि करनी धर्म का अङ्ग बताया है (१-१६३) । १७८७ ६५०१ यज्ञाङ्गविधि निरूपणम् । मूत्रपुरीषाद्युपहतद्रव्याणांशुद्धिवर्णनम् । १७८६ यश में जिन जिन द्रव्यों का आवश्यकता होती हैं उनका निरूपण तथा यज्ञपात्र एवं बखादिकों की शुद्धि | ७०१ पुनः यज्ञाङ्गविधिवर्णनम् । आभ्यन्तर तथा बाह्य दो प्रकार के यज्ञ के अन बताये हैं। आभ्यन्तर अङ्ग, बाह्य मृत्विगादि इस प्रकार यज्ञाङ्ग का संक्षिप्त निदर्शन और शुद्धि बताई ह (१-३०) । ८प्र०१ ब्राह्मणादिवणनिरूपणम् । मह १७९० १७६२ चातुर्वर्ण्य निरूपण, अनुलोमज की पृथक् पृथक् जाति, अनुलोमज, प्रतिलोमज की व्रात्य संज्ञा कही
SR No.032669
Book TitleSmruti Sandarbh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages744
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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