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________________ [ ८२ ] प्रधानविषय १ वेदस्मृत्यादिज्ञान से रहित परिषद् को प्रमाणित नहीं बताया है । यथा यथा दारुमयोहस्ती यथा चर्ममयोमृगः । ब्राह्मणश्वानधीयानस्त्रयस्ते नामधारकाः ॥ उत्तर तथा दक्षिण में जो आचार हैं उनपर विप्रतिपत्ति और आर्यावर्त की सीमा का वर्णन । यह धर्मशास्त्र यज्ञ संस्कारादि आर्यावर्त ब्रह्मावर्त के लिये ही है (१-३७ ) । २५० १ ब्रह्मचारिधर्मवर्णनम् । ब्रह्मचारी के नियम अष्टम वर्ष में ब्राह्मण का उपनयन तथा तु परत्व उपनयन काल, वसन्त में ब्राह्मण, ग्रीष्म में क्षत्रिय एवं शरद् में वैश्य का उपनयन समय, मौञ्जीबन्धन, भैक्ष्यचर्या एवं ब्रह्मचारी को शिक्षा, अवकीणीं का दोष, ब्रह्मचर्य का माहात्म्य । यह प्रथय प्रश्न धर्म क्या है इस सम्बन्ध में आया है (१-५५ ) । ३०१ स्नातकधर्मवर्णनम् । १७७० पृथ् १७७४ धर्म के निर्णय के सम्बन्ध में प्रथम प्रश्न के ही
SR No.032669
Book TitleSmruti Sandarbh Part 03
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages744
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size36 MB
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