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________________ [ ७१ ] अध्याय प्रधानविषय का मन्त्र, अष्टाक्षर मंत्र, द्वादशाक्षर मंत्र, हयग्रीव मंत्र तथा षोड़शाक्षर मंत्र आदि अनेक वैष्णव मंत्रों का उद्धरण, उनके विनियोग, न्यास, ध्यान, जप विधि, शंख, चक्र पूजन और भगवान विष्णु केपूजन आदि का सुन्दर वर्णन किया है (१-३६२)। ४ प्राप्तकाल भगवत् समाराधन विधिवर्णनम्- १०५० प्रातःकाल उठने का विधान, शौच से निवृत्त हो । वैष्णव धर्म के अनुसार तुलसी और आँवले की मिट्टी को अपने बदन पर लगाकर मार्जन करने और स्नान करने का विधान तथा मन्त्रों का विधान बताया है (१-४६)। विष्णु का पूजन और विष्णु को कौन-कौन पुष्प चढ़ाने चाहिये एवं षडक्षर मंत्र का विधान (४७-१४० )। ४ प्राप्तकाल भगवत्समाराधन विधौ कृषिवर्णनम् १०६५ पुराणों का पाठ, वैष्णव पूजा का विधान बताया है। तामस देवताओं का वर्णन और द्रव्य शुद्धि का वर्णन आया ह। खेती करना, पशु का . पालन करना सबके लिये समान धर्म बताया
SR No.032668
Book TitleSmruti Sandarbh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages696
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
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