SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 75
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ [ ७० ] अध्याय प्रधानविषय - पृष्ठाङ्क का दास समझकर जप पूजादि करे, नारायण का मनसे ध्यान कर उनका संकीर्तन करे और शंख, चक्र, अर्धपुंडू धारण करे यह दास के चिन्ह हैं। जो वैष्णव शंख, चक्र धारण करता है वही पूज्य है और वही धन्य है यह बताया है (१७-३६ )। वैष्णवानाम् पुण्ड्र संस्कारवर्णनम्- १६७ वैष्णवानाम् नाम संस्कार वर्णनम्- १००६ वैष्णवानाम् मंत्र संस्कार वर्णनम् - १००७ वैष्णवानाम् पञ्चसंस्कार वणनम्- १०११ पंच संस्कार शंखचक्र चिन्ह धारण ऊर्धपुण्ड्रादि की विधि, वैष्णव सम्प्रदाय की दीक्षा, उसका माहात्म्य, वैष्णव सम्प्रदाय के बालक की पंच संस्कार विधि बताई गई है ( १-१५)। भगवन् मंत्रविधान वर्णनम्- १०१२ अम्बरीष राजा ने हारीत ऋषि से वैष्णव मन्त्रों का माहात्म्य तथा विधि पूछी। इसके उत्तर में हारीत ने बड़े विचार के साथ पंचविंशति अक्षर ३
SR No.032668
Book TitleSmruti Sandarbh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMaharshi
PublisherNag Publishers
Publication Year1988
Total Pages696
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size34 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy