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अध्याय
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- प्रधान विषय (१-३)। हाथ पैर पर कितने बार मृत्तिका जल देवें, आगे
जल से किस अंग को कितनी बार प्रक्षालन करना (४-१३) । ६ जन्ममरणाशौचं समाधियोग वर्णनश्च ५८७
जन्म मरण का अशौच काल, किस दशा में अशौच कम ज्यादा होता है। इन्द्रियनिग्नहमध्यात्मयोगसाधनं तथा द्व तानुभवाद्योगविकाशं स्मृति महत्व वर्णनम् । इन्द्रियों पर विजय (१) अध्यात्म योग साधन और अद्वैत अनुभव से ही योग का विकाश (२-५४) और दक्षस्मृति पढ़ने का महात्म्य है। अङ्गिरसस्मृति के प्रधान विषय प्रधान विषय
पृष्ठाङ्क सवप्रायश्चित्तविधानं, अन्त्यजानां द्रव्यमाण्डेषु जलपानं, अज्ञानवशाज्जलपानं, उच्छिष्ट भोजनं नोलवस्त्रधारणं कृत्वा दानादिकरणे प्रत्यवायः, भूमौ नीलवपनाद् द्वादशवर्ष पर्यन्त भूमेरशुद्धिः, गोवध प्रायश्चित्तस्यनेकप्रकारेण वर्णनम्,
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