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पृष्ठाङ्क
[ ५० ] अध्याय
प्रधानविषय ३६ जीवहिंसाकरणे ( संकरीकरणे ) दोषस्तत् प्रायचित्त वर्णनम्
४७० संकरी करण-गांव के पशु आदि की हिंसा। ४० अपात्रीकरण (आदानपात्रं) तद्वर्णनम् । ४७०
अपात्रीकरण नीच आदमियों से धन, दान लेना और
चक्रवृद्धि आदि से रुपया लेना। ४१ मलिनीकरणं तत्पशमनवर्णनम्
४७० मलिनीकरण के पाप-पक्षी आदियों को मारना। ४२ अकर्तव्या विषये (प्रकीर्ण) प्रायश्चित्त वर्णनम् ४७१ ... ब्राह्मण (ब्रह्म नैष्ठिक ) के आक्षा से प्रकीर्ण पातक बड़ा या
छोटा जो हो सो प्रायश्चित्त करे। ४३ नरकाणां संज्ञा तेषां वर्णनम्
४७१ नरक, तामिस्र, अन्धतामिस्रादि-जो पाप करके प्रायश्चित्त
नहीं करते उन्हें मरने के बाद इस नरक में जाना पड़ता है। ४४ नरकस्थानां यमयातना निर्णय:पापी आदमियों को नरक जाने के अनन्तर तिर्यग्
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