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कापरड़ा तीर्थ । (१) इस पवित्र तीर्थ के जीर्णोद्धार व पुनः प्रतिष्टा के कार्य के नायक तो तीर्थोद्धारक जैनाचार्य श्री श्री १००८ श्री विजयनेमिसूरीश्वरजी हैं। आपश्रीने अनेक कठिनाईयों का सामना करते हुए इस कार्य के लिये बद्धपरिकर हो पूर्ण रूपसे प्रेरणा और प्रयत्न कर आशातीत सफलता प्राप्त की। तीर्थ के अाधुनिक अभ्युदय का प्रथम श्रेय आपश्रीको ही है।
(२) इस पवित्र कार्य में प्राचार्यश्री के सदुपदेश से द्रव्य की विशेष सहायता देकर प्रतिष्ठा करानेवाले संघपति श्रीमान् अमीचंदजी गुलाबचन्दजी पालड़ी निवासी है जिनकी आर्थिक सहायता से जीर्णोद्धार का कार्य भी हुआ।
(३) जीर्णोद्धार में श्रीमान् सेठ माणेकलाल मनसुखभाई अहमदाबाद निवासी की ओर से आर्थिक सहायता प्राप्त हुई जिस से बड़े चबूतरे का जीर्णोद्धर कार्य कराया गया। आप की
ओर से एक बंगला और एक धर्मशाला भी यहाँ बनी हैं । वसंतपंचमी का मेला का तमाम खर्चा भी आपकी ओर से होता है।
(४) इस आवश्यक कार्य की प्रेरणा और तन मन धन से सहायता करनेवाले सेठ पन्नालालजी सराफ बीलाड़ा निवासी का कार्य भी प्रशंसनीय रहा ।
(५) इस कार्य में विघ्नकाल में सहायता पहुँचानेवाले वकील माणेकराजजी व भंडारी अमोलकचंदजी आदि बीलाड़ा के श्रावक वर्ग का नाम भी विशेष उल्लेखनीय है ।।