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भूमिका.
बसाया गया। यहाँ जैनियोंके २८ मन्दिर हैं। जिनमें भडासरजी का मन्दिर विशेष दर्शनीय है।
__ २२ बीलाड़ा-यह प्राचीन नगर है, जहाँ बलराजा की राजधानी थी । यहाँ जैनियों के ५ मन्दिर हैं।
२३ पीपार-यह पीपाडों द्वारा बसाया गया था। यहां एक मन्दिर प्राचीन है तथा दूसरा तालाब के किनारे श्री शांतिनाथ जिनालय अति विशाल है।
२४ जेतारण यह भी बड़ा प्राचीन नगर है यहाँ चार मन्दिर हैं। तथा नगर के बाहर का मन्दिर प्रति विशाल है। माश्विन शुक्ला १५ का मेला भरता है ।
२५ फलोधी-प्राचीन समय में यह नगर विजयपुर पट्टन के नाम से प्रसिद्ध था । यहाँ ६ जिनमन्दिर हैं।
२६ खौड-इस छोटे से ग्राम में दो जिनालय हैं। श्री मादीश्वर भगवान् का मन्दिर बहुत विशाल है।
२७ केकीद-यह प्राचीन स्थान है जहाँ एक प्राचीन जिनालय है।
२८ मुडारा-यह चंडावल से चार मील की दूरी पर है। यहाँ प्राचीन और विशाल जिनालय है ।
२६ गोडवाड प्रान्त-सेवाड़ी, सांडेराव, यूया, बाली, सेसली, मुण्डारा, खुडाला आदि अनेक ग्राम, कसबों और