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________________ कापरड़ा तीर्थ । शहरों में प्राचीन जिनमन्दिर विद्यमान हैं, जो महाराजा सम्प्रति और गन्धर्व शालीवाहन के समय के बने हुए हैं। . ३० सीरोही प्रान्त-नाणा, बेड़ा, नांदिया, नातोड़ा, पिण्डवाड़ा, रोहिड़ा, मुंगेरा, चन्द्रावती और सीरोही नगर में बड़े बड़े विशाल और प्राचीन जिनमन्दिर मौजूद हैं। तथा भर्बुदगिरि ( Mount Abu ) के देलवाड़ा और अचलगढ़ के तीर्थ तो विश्वविख्यात हैं ही। ३१ सांचोर, भीनमाल और गढ़ सीवाना-इन में तथा मारवाड़ के और प्रसिद्ध २ नगरों व आसपास के गाँवों में कई प्राचीन तीर्थ हैं सबका वर्णन तो एक स्वतंत्र ग्रंथ में ही शक्य है । मारवाड़ के तीथों की पूरी डाइरेक्टरी तैयार करना परम और प्रथम जरूरी है। . नोट-इस संक्षिप्त परिचय में सब तीथों के नाम देना कठिन था । अवकाश मिलने पर अलग पुस्तक इस विषय की तैयार करने का प्रयत्न किया जायगा । कापरड़ा-यह तीर्थ अति प्राचीन है, इसका विस्तृत इतिहास आगे के पृष्टों में दर्ज किया जाता है ! आशा है पाठक इस पुस्तक को पढ़ कर इस तीर्थ के महत्व को समझेंगे और यहाँ की यात्रा कर अपूर्व लाभ के भागी बनेंगे । शुभम् जोधपुर लेखकमनि ज्ञानसुन्दर ११-८-३१
SR No.032646
Book TitlePrachin Tirth Kapardaji ka Sachitra Itihas
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyansundar Maharaj
PublisherJain Aetihasik Gyanbhandar
Publication Year1932
Total Pages74
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size11 MB
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