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१२५६ . मिश्रबंधु-विनोद वृत्तांतमाला, (८) ठग-वृत्तांतमाला, चार भाग, (६) पुलीसवृत्तांतमाला, (१०) भूतों का मकान, (११) स्वर्ण बाई उपन्यास, (१२) संसारदर्पण, (१३) बलबीरपचासा, (१४) बिरहा, (१५) ईसाईमत-खंडन, (१६) चित्तौरचातकी । नाम-(२३५८ ) जानकीप्रसाद पँवार, जोहबेनकटी, जिला
रायबरेली। ग्रंथ-(1) शाहनामा ( उर्दू में भारत का इतिहास ), (२)
रघुवीरध्यानावली, (३) रामनवरत्न, (४) भगवतीविनय, (५)रामनिवास रामायण, (६) रामानंद-विहार,
(७) नीति-विलास। कविताकाल-१९४० । विवरण-इनकी कविता उत्कृष्ट यमक एवं अन्य अनुप्रास-युक्त है ।
____ इनकी गणना तोष की श्रेणी में हैबंदत अनंदकंद कीरति अमंद चंद,
दरन कफंद बूंद घायक कमति के सिधि-बुधि-दायक बिनायक सकल लोक,
सो हैं सब लायक त्यों दायक सुमति के । कोमल अमल अति अरुन सरोज प्रोज,
____लज्जित मनोज बरदानि सुभ गति के; बिधनहरन मुद मंगल करनहार,
___ असरन सरन चरन गनपति के । (२३५९ ) लालविहारी मिश्र ( उपनाम द्विजराज) ये महाशय प्रसिद्ध कवि लेखराज, गधौली, जिला सीतापुर निवासी के बड़े पुत्र थे । इनका जन्म संवत् १९१५ के लगभग हुआ था
और संवत् १९६२ में इनका स्वर्गवास हुा । इनके दो पुत्र और एक कन्या विद्यमान हैं, पर उनका ध्यान कविता की ओर नहीं है।